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हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया फ़्रॉम द अर्लीएस्ट ऐजेज़ वॉल. 2

Author: व्हीलर, जे. टैल्बॉयज़

Keywords: इतिहास, भारतीय, भारतीय इतिहास, प्राचीन इतिहास, ब्राह्मणवादी काल

Publisher: एन. ट्रबनर, लंदन

Description: जे टैल्बॉयज़ व्हीलर द्वारा लिखित ‘हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया फ़्रॉम द अर्लीएस्ट ऐजेज़ वॉल. 2’ ब्राह्मणवादी काल में रामायण पर केंद्रित है। रामायण दो महान महाकाव्यों में से दूसरा है, और संस्कृत विद्वानों द्वारा महान राष्ट्रीय खज़ाने के रूप में उल्लिखित है जिसमें हिंदुओं की परंपराएँ और किंवदंतियाँ सम्मिलित हैं। यह वास्तव में वैदिक विचारों का संग्रह है जो जन साधारण के मौजूदा धर्म और सभ्यता का आधार है।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author व्हीलर, जे. टैल्बॉयज़
dc.date.accessioned 2017-05-16T10:44:03Z
2018-06-07T04:45:57Z
dc.date.available 2017-05-16T10:44:03Z
2018-06-07T04:45:57Z
dc.description जे टैल्बॉयज़ व्हीलर द्वारा लिखित ‘हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया फ़्रॉम द अर्लीएस्ट ऐजेज़ वॉल. 2’ ब्राह्मणवादी काल में रामायण पर केंद्रित है। रामायण दो महान महाकाव्यों में से दूसरा है, और संस्कृत विद्वानों द्वारा महान राष्ट्रीय खज़ाने के रूप में उल्लिखित है जिसमें हिंदुओं की परंपराएँ और किंवदंतियाँ सम्मिलित हैं। यह वास्तव में वैदिक विचारों का संग्रह है जो जन साधारण के मौजूदा धर्म और सभ्यता का आधार है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent ixxxviii, 680+18p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher एन. ट्रबनर, लंदन
dc.subject इतिहास, भारतीय, भारतीय इतिहास, प्राचीन इतिहास, ब्राह्मणवादी काल
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1869
dc.identifier.accessionnumber AS-002558
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author व्हीलर, जे. टैल्बॉयज़
dc.date.accessioned 2017-05-16T10:44:03Z
2018-06-07T04:45:57Z
dc.date.available 2017-05-16T10:44:03Z
2018-06-07T04:45:57Z
dc.description जे टैल्बॉयज़ व्हीलर द्वारा लिखित ‘हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया फ़्रॉम द अर्लीएस्ट ऐजेज़ वॉल. 2’ ब्राह्मणवादी काल में रामायण पर केंद्रित है। रामायण दो महान महाकाव्यों में से दूसरा है, और संस्कृत विद्वानों द्वारा महान राष्ट्रीय खज़ाने के रूप में उल्लिखित है जिसमें हिंदुओं की परंपराएँ और किंवदंतियाँ सम्मिलित हैं। यह वास्तव में वैदिक विचारों का संग्रह है जो जन साधारण के मौजूदा धर्म और सभ्यता का आधार है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent ixxxviii, 680+18p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher एन. ट्रबनर, लंदन
dc.subject इतिहास, भारतीय, भारतीय इतिहास, प्राचीन इतिहास, ब्राह्मणवादी काल
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1869
dc.identifier.accessionnumber AS-002558
dc.format.medium text