हिस्ट्री ऑफ़ सीलोन फ़्रॉम द अर्लीएस्ट पीरियड टू द ईयर 1815 विद कैरेक्टरिस्टिक डिटेल्स ऑफ़ द रिलिजन एंड मैनर्स ऑफ़ द पीपल एंड अ कलेक्शन ऑफ़ देअर मोरल मैक्सिम्स एंड एंशियंट प्रॉवर्ब्स
Author: फ़िलालेथीस
Keywords: श्रीलंका, इतिहास, भूगोल, धार्मिक नियम, द्वीप
Publisher: जोसफ़ मवान, लंदन
Description: फ़िलालेथीस द्वारा लिखित पुस्तक, शुरुआती वर्षों से 1815 तक सीलोन द्वीप के इतिहास का वर्णनात्मक विवरण प्रदान करती है, जिसमें धार्मिक नियमों और लोगों के शिष्टाचार के साथ-साथ उनके नैतिक नीति वचनों और प्राचीन मुहावरों के अभिलाक्षणिक विवरण हैं। लेखक कहता है कि हालाँकि सीलोन द्वीप ग्रेट ब्रिटेन की संप्रभुता के अधीन आने वाला सबसे हाल का क्षेत्र है, परंतु यह निस्संदेह सभी महत्वपूर्ण विदेशी क्षेत्रों में से एक है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | फ़िलालेथीस |
dc.date.accessioned | 2018-07-30T07:34:16Z |
dc.date.available | 2018-07-30T07:34:16Z |
dc.description | फ़िलालेथीस द्वारा लिखित पुस्तक, शुरुआती वर्षों से 1815 तक सीलोन द्वीप के इतिहास का वर्णनात्मक विवरण प्रदान करती है, जिसमें धार्मिक नियमों और लोगों के शिष्टाचार के साथ-साथ उनके नैतिक नीति वचनों और प्राचीन मुहावरों के अभिलाक्षणिक विवरण हैं। लेखक कहता है कि हालाँकि सीलोन द्वीप ग्रेट ब्रिटेन की संप्रभुता के अधीन आने वाला सबसे हाल का क्षेत्र है, परंतु यह निस्संदेह सभी महत्वपूर्ण विदेशी क्षेत्रों में से एक है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xxii, 382 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | जोसफ़ मवान, लंदन |
dc.subject | श्रीलंका, इतिहास, भूगोल, धार्मिक नियम, द्वीप |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1817 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-004668 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | फ़िलालेथीस |
dc.date.accessioned | 2018-07-30T07:34:16Z |
dc.date.available | 2018-07-30T07:34:16Z |
dc.description | फ़िलालेथीस द्वारा लिखित पुस्तक, शुरुआती वर्षों से 1815 तक सीलोन द्वीप के इतिहास का वर्णनात्मक विवरण प्रदान करती है, जिसमें धार्मिक नियमों और लोगों के शिष्टाचार के साथ-साथ उनके नैतिक नीति वचनों और प्राचीन मुहावरों के अभिलाक्षणिक विवरण हैं। लेखक कहता है कि हालाँकि सीलोन द्वीप ग्रेट ब्रिटेन की संप्रभुता के अधीन आने वाला सबसे हाल का क्षेत्र है, परंतु यह निस्संदेह सभी महत्वपूर्ण विदेशी क्षेत्रों में से एक है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xxii, 382 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | जोसफ़ मवान, लंदन |
dc.subject | श्रीलंका, इतिहास, भूगोल, धार्मिक नियम, द्वीप |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1817 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-004668 |
dc.format.medium | text |