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हर्ष

Author: Mookerji, Radhakumud

Keywords: हर्ष-चरित, भारत, संस्कृत, शास्त्रीय साहित्य

Publisher: ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, लखनऊ

Description: यह पुस्तक राधामुकुंद मुखर्जी द्वारा वर्ष 1935 में लिखी गई थी। ऐसा कहा जाता है कि बहुत ही कम ऐसे शासक हुए हैं जिनका इतिहास हर्ष के समान समृद्ध है। हर्ष के बारे में, शास्त्रीय संस्कृत के इतिहास में महान ख्यातिप्राप्त लेखक बाण द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘हर्ष-चरित’ को लेखक ने उनके दरबारी कवि होने के परिप्रेक्ष्य से और इस प्रकार हर्ष के जीवन और शासन के बारे में व्यक्तिगत और अंतरंग ज्ञान होने के दृष्टिकोण से लिखा था। ‘हर्ष-चरित' बाण की उन बहुत कम जीवनी कृतियों में से एक है, जिसे संस्कृत साहित्य में समाविष्ट किया गया है। उस समय के भारत को एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी, प्रसिद्ध चीनी तीर्थयात्री युआन च्वांग द्वारा भी वर्णित किया गया है, जिनका वृत्तांत, उसकी जांच-पड़ताल के विषय क्षेत्र तथा उसके विवरणों की संपन्नता के मामले में, किसी विवरणिका अथवा भागोलिकी की तरह है। प्राचीन भारत का इतिहास संभवतः अपने कुछ खोए हुए अध्यायों के पुनर्निर्माण के लिए किसी अन्य व्यक्तिगत स्रोत की तुलना में युआन च्वांग का ऋणी है।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author Mookerji, Radhakumud
dc.date.accessioned 2018-08-02T12:09:54Z
dc.date.available 2018-08-02T12:09:54Z
dc.description यह पुस्तक राधामुकुंद मुखर्जी द्वारा वर्ष 1935 में लिखी गई थी। ऐसा कहा जाता है कि बहुत ही कम ऐसे शासक हुए हैं जिनका इतिहास हर्ष के समान समृद्ध है। हर्ष के बारे में, शास्त्रीय संस्कृत के इतिहास में महान ख्यातिप्राप्त लेखक बाण द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘हर्ष-चरित’ को लेखक ने उनके दरबारी कवि होने के परिप्रेक्ष्य से और इस प्रकार हर्ष के जीवन और शासन के बारे में व्यक्तिगत और अंतरंग ज्ञान होने के दृष्टिकोण से लिखा था। ‘हर्ष-चरित' बाण की उन बहुत कम जीवनी कृतियों में से एक है, जिसे संस्कृत साहित्य में समाविष्ट किया गया है। उस समय के भारत को एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी, प्रसिद्ध चीनी तीर्थयात्री युआन च्वांग द्वारा भी वर्णित किया गया है, जिनका वृत्तांत, उसकी जांच-पड़ताल के विषय क्षेत्र तथा उसके विवरणों की संपन्नता के मामले में, किसी विवरणिका अथवा भागोलिकी की तरह है। प्राचीन भारत का इतिहास संभवतः अपने कुछ खोए हुए अध्यायों के पुनर्निर्माण के लिए किसी अन्य व्यक्तिगत स्रोत की तुलना में युआन च्वांग का ऋणी है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 203 p.
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, लखनऊ
dc.subject हर्ष-चरित, भारत, संस्कृत, शास्त्रीय साहित्य
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1925
dc.identifier.accessionnumber AS-002651
DC Field Value
dc.contributor.author Mookerji, Radhakumud
dc.date.accessioned 2018-08-02T12:09:54Z
dc.date.available 2018-08-02T12:09:54Z
dc.description यह पुस्तक राधामुकुंद मुखर्जी द्वारा वर्ष 1935 में लिखी गई थी। ऐसा कहा जाता है कि बहुत ही कम ऐसे शासक हुए हैं जिनका इतिहास हर्ष के समान समृद्ध है। हर्ष के बारे में, शास्त्रीय संस्कृत के इतिहास में महान ख्यातिप्राप्त लेखक बाण द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘हर्ष-चरित’ को लेखक ने उनके दरबारी कवि होने के परिप्रेक्ष्य से और इस प्रकार हर्ष के जीवन और शासन के बारे में व्यक्तिगत और अंतरंग ज्ञान होने के दृष्टिकोण से लिखा था। ‘हर्ष-चरित' बाण की उन बहुत कम जीवनी कृतियों में से एक है, जिसे संस्कृत साहित्य में समाविष्ट किया गया है। उस समय के भारत को एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी, प्रसिद्ध चीनी तीर्थयात्री युआन च्वांग द्वारा भी वर्णित किया गया है, जिनका वृत्तांत, उसकी जांच-पड़ताल के विषय क्षेत्र तथा उसके विवरणों की संपन्नता के मामले में, किसी विवरणिका अथवा भागोलिकी की तरह है। प्राचीन भारत का इतिहास संभवतः अपने कुछ खोए हुए अध्यायों के पुनर्निर्माण के लिए किसी अन्य व्यक्तिगत स्रोत की तुलना में युआन च्वांग का ऋणी है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 203 p.
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, लखनऊ
dc.subject हर्ष-चरित, भारत, संस्कृत, शास्त्रीय साहित्य
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1925
dc.identifier.accessionnumber AS-002651