हयात ए क़ुदसी: लाइफ़ ऑफ़ द नवाब गौहर बेग़म, एलीयस द नवाब बेग़म क़ुदसिया ऑफ़ भोपाल
Keywords: गौहर बेग़म, कुदसिया बेग़म, भोपाल के नवाब, भोपाल की बेग़में, जीवनी
Publisher: हर हाइनेस नवाब सुल्तान जहाँ बेग़म, भोपाल
Description: ‘हयात इ क़ुदसी: लाइफ़ ऑफ़ द नवाब गौहर बेग़म, एलियस द नवाब बेग़म क़ुदसिया ऑफ़ भोपाल’ को महारानी नवाब सुल्तान जहाँ बेग़म द्वारा लिखा गया था (जो कि उस वक़्त भोपाल की शासक थी)। यह पुस्तक वर्ष 1918 में प्रकाशित हुई थी और उस समय के दौरान भोपाल के राजनीतिक एजेंट डब्ल्यू एस डेविस द्वारा इसका अनुवाद किया गया था। इस पुस्तक में नवाब कुदसिया बेग़म के जीवन और चरित्र का वर्णन किया गया है, जो अपने समय की ख़ुदा का खौफ़ रखने वाली, धर्मपरायण और सदाचारी महिला के रूप में जानी जाती थीं। यह पुस्तक पाठक को भारतीय इतिहास के सबसे उत्तेजक और तूफ़ानी दौर में वापस ले जाती है। क़ुदसिया बेग़म का बचपन उत्तर से अफ़गानों के भारत में अंतिम आक्रमण और दक्खन से ऊपरी भारत में मराठा सेनाओं के आक्रमण के बीच गुजरा था। युवावस्था के दौरान वे ईस्ट इंडिया कंपनी की बढ़ती हुई शक्ति, मराठाओं की हार और पिंडारियों के लुटेरे गुटों के दमन की साक्षी थीं।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.date.accessioned | 2019-03-02T16:15:08Z |
dc.date.available | 2019-03-02T16:15:08Z |
dc.description | ‘हयात इ क़ुदसी: लाइफ़ ऑफ़ द नवाब गौहर बेग़म, एलियस द नवाब बेग़म क़ुदसिया ऑफ़ भोपाल’ को महारानी नवाब सुल्तान जहाँ बेग़म द्वारा लिखा गया था (जो कि उस वक़्त भोपाल की शासक थी)। यह पुस्तक वर्ष 1918 में प्रकाशित हुई थी और उस समय के दौरान भोपाल के राजनीतिक एजेंट डब्ल्यू एस डेविस द्वारा इसका अनुवाद किया गया था। इस पुस्तक में नवाब कुदसिया बेग़म के जीवन और चरित्र का वर्णन किया गया है, जो अपने समय की ख़ुदा का खौफ़ रखने वाली, धर्मपरायण और सदाचारी महिला के रूप में जानी जाती थीं। यह पुस्तक पाठक को भारतीय इतिहास के सबसे उत्तेजक और तूफ़ानी दौर में वापस ले जाती है। क़ुदसिया बेग़म का बचपन उत्तर से अफ़गानों के भारत में अंतिम आक्रमण और दक्खन से ऊपरी भारत में मराठा सेनाओं के आक्रमण के बीच गुजरा था। युवावस्था के दौरान वे ईस्ट इंडिया कंपनी की बढ़ती हुई शक्ति, मराठाओं की हार और पिंडारियों के लुटेरे गुटों के दमन की साक्षी थीं। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | 160 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | हर हाइनेस नवाब सुल्तान जहाँ बेग़म, भोपाल |
dc.subject | गौहर बेग़म, कुदसिया बेग़म, भोपाल के नवाब, भोपाल की बेग़में, जीवनी |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1918 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-003545 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.date.accessioned | 2019-03-02T16:15:08Z |
dc.date.available | 2019-03-02T16:15:08Z |
dc.description | ‘हयात इ क़ुदसी: लाइफ़ ऑफ़ द नवाब गौहर बेग़म, एलियस द नवाब बेग़म क़ुदसिया ऑफ़ भोपाल’ को महारानी नवाब सुल्तान जहाँ बेग़म द्वारा लिखा गया था (जो कि उस वक़्त भोपाल की शासक थी)। यह पुस्तक वर्ष 1918 में प्रकाशित हुई थी और उस समय के दौरान भोपाल के राजनीतिक एजेंट डब्ल्यू एस डेविस द्वारा इसका अनुवाद किया गया था। इस पुस्तक में नवाब कुदसिया बेग़म के जीवन और चरित्र का वर्णन किया गया है, जो अपने समय की ख़ुदा का खौफ़ रखने वाली, धर्मपरायण और सदाचारी महिला के रूप में जानी जाती थीं। यह पुस्तक पाठक को भारतीय इतिहास के सबसे उत्तेजक और तूफ़ानी दौर में वापस ले जाती है। क़ुदसिया बेग़म का बचपन उत्तर से अफ़गानों के भारत में अंतिम आक्रमण और दक्खन से ऊपरी भारत में मराठा सेनाओं के आक्रमण के बीच गुजरा था। युवावस्था के दौरान वे ईस्ट इंडिया कंपनी की बढ़ती हुई शक्ति, मराठाओं की हार और पिंडारियों के लुटेरे गुटों के दमन की साक्षी थीं। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | 160 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | हर हाइनेस नवाब सुल्तान जहाँ बेग़म, भोपाल |
dc.subject | गौहर बेग़म, कुदसिया बेग़म, भोपाल के नवाब, भोपाल की बेग़में, जीवनी |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1918 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-003545 |
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