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इदु मिश्मी जनजाति की अन्त्येष्टि क्रिया से संबंधित परंपराएँ

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Domain:सामाजिक प्रथाएँ, अनुष्ठान एवं उत्सवी कार्यक्रम

State: अरुणाचल प्रदेश

Description:

इदु मिश्मी अरुणाचल प्रदेश की प्रमुख देशज जनजातियों में से एक है जो दिबांग घाटी, निचली दिबांग घाटी, लोहित जिलों, और पूर्व सियांग और ऊपरी सियांग के कुछ हिस्सों में निवास करती है। इदु मिश्मीयों की अंत्येष्टि क्रियाएँ बहुत ही विशिष्ट होती हैं। मृत्यु के स्वरूप के आधार पर अंत्येष्टि अनुष्ठान ज़्यादातर ३ से ५ दिनों तक किए जाते हैं। इदु मिश्मीयों का मानना है कि मृत्यु के बाद भी जीवन चलता रहता है। ऐसा माना जाता है की मृत्यु के बाद जीवन पदार्थवादी संसार से दिव्य संसार, अर्थात, आत्माओं की दुनिया में चला जाता है जिसे स्थानीय रूप से मुदुआसियालोको कहा जाता है। इगु, या ओझा, अंत्येष्टि प्रथाओं में एक अहम् भूमिका निभाता है। वह मृत व्यक्ति के घर में, बिना सोए, कई दिनों और रातों तक, लगातार अनुष्ठान, नाच, गाना करता है और चढ़ावे चढ़ाता है। इस घर के शोक मनाने वाले लोग भी बिना इगु की इज़ाज़त के घर से बाहर नहीं जा सकते हैं। मृत के घर में अनुष्ठान करने के बाद इगु, ब्रोचा, या कब्रिस्तान, में भी कई सरे अनुष्ठान करता है और आत्मा को म्रत्यु के घर (आतियाकोना) से आत्माओं के घर (असीआलोकलो) तक जाने में मदद करता है।