अर्ली हिस्ट्री ऑफ़ द डेक्कन डाउन टू द मोहमडन कॉन्क्वेस्ट
Author: भंडारकर, रामकृष्ण गोपाल
Keywords: दक्खन के पठार का इतिहास, आंध्रभृत्य या शतवाहन
Publisher: चर्टी अत्तरजी, कलकत्ता
Description: रामकृष्ण गोपाल भंडारकर की यह पुस्तक दक्खन के पठार के प्रारंभिक इतिहास से लेकर मुसलमानों के आक्रमण तक का लेखा-जोखा प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक दक्खन में आर्यों के बसने के इतिहास के साथ-साथ इसकी अनुमानित तिथि के विश्लेषण का प्रयास; दक्खन या महाराष्ट्र का राजनीतिक इतिहास; आंध्रभृत्यों या शतवाहनों के कालक्रम तथा इनकी राजनीतिक और साहित्यिक परंपराएँ; आंध्रभृत्यों या शतवाहनों के तहत महाराष्ट्र की धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति; प्रारंभिक और उत्तर चालुक्य; राष्ट्रकूट; कालचूड़ी, यादव और सिलहार, आदि को सम्मिलित करती है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | भंडारकर, रामकृष्ण गोपाल |
dc.coverage.spatial | India India India |
dc.date.accessioned | 2018-07-23T05:45:09Z |
dc.date.available | 2018-07-23T05:45:09Z |
dc.description | रामकृष्ण गोपाल भंडारकर की यह पुस्तक दक्खन के पठार के प्रारंभिक इतिहास से लेकर मुसलमानों के आक्रमण तक का लेखा-जोखा प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक दक्खन में आर्यों के बसने के इतिहास के साथ-साथ इसकी अनुमानित तिथि के विश्लेषण का प्रयास; दक्खन या महाराष्ट्र का राजनीतिक इतिहास; आंध्रभृत्यों या शतवाहनों के कालक्रम तथा इनकी राजनीतिक और साहित्यिक परंपराएँ; आंध्रभृत्यों या शतवाहनों के तहत महाराष्ट्र की धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति; प्रारंभिक और उत्तर चालुक्य; राष्ट्रकूट; कालचूड़ी, यादव और सिलहार, आदि को सम्मिलित करती है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xv, 260 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | चर्टी अत्तरजी, कलकत्ता |
dc.subject | दक्खन के पठार का इतिहास, आंध्रभृत्य या शतवाहन |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1928 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-002650 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | भंडारकर, रामकृष्ण गोपाल |
dc.coverage.spatial | India India India |
dc.date.accessioned | 2018-07-23T05:45:09Z |
dc.date.available | 2018-07-23T05:45:09Z |
dc.description | रामकृष्ण गोपाल भंडारकर की यह पुस्तक दक्खन के पठार के प्रारंभिक इतिहास से लेकर मुसलमानों के आक्रमण तक का लेखा-जोखा प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक दक्खन में आर्यों के बसने के इतिहास के साथ-साथ इसकी अनुमानित तिथि के विश्लेषण का प्रयास; दक्खन या महाराष्ट्र का राजनीतिक इतिहास; आंध्रभृत्यों या शतवाहनों के कालक्रम तथा इनकी राजनीतिक और साहित्यिक परंपराएँ; आंध्रभृत्यों या शतवाहनों के तहत महाराष्ट्र की धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति; प्रारंभिक और उत्तर चालुक्य; राष्ट्रकूट; कालचूड़ी, यादव और सिलहार, आदि को सम्मिलित करती है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xv, 260 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | चर्टी अत्तरजी, कलकत्ता |
dc.subject | दक्खन के पठार का इतिहास, आंध्रभृत्य या शतवाहन |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1928 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-002650 |
dc.format.medium | text |