आर्यनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया
Author: दत्त, नृपेंद्र कुमार
Keywords: भारतीय इतिहास, पूर्व-आर्य काल, भारत का आर्यकरण
Publisher: एन.के. बसु, कलकत्ता
Description: नृपेंद्र कुमार दत्त द्वारा लिखित ‘आर्यनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया’ सात अध्यायों में विभाजित है। यह आर्य सिद्धांत और मध्य एशियाई सिद्धांत के बारे में बताते हुए शुरू होती है। इसके बाद, आर्यों ने भारत में कैसे प्रवेश किया, भारत-आर्य आक्रमण और भारत-आर्य – दस्यूओं - के विस्तार के बारे में बताती है। इसके बाद पुस्तक पंजाब, पूर्वी भारत में मध्यदेश, और दक्कन में आर्य उपनिवेशन के स्वरूप पर प्रकाश डालती है। एन.के. दत्त ने ऋग्वेद की जनजातियों और साम्राज्यों, और इसके बाद इस जनजातियों और साम्राज्यों के बीच जो गतिविधियाँ हुईं, उनके बारे में भी बताया है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | दत्त, नृपेंद्र कुमार |
dc.coverage.spatial | India |
dc.date.accessioned | 2018-07-23T05:34:24Z |
dc.date.available | 2018-07-23T05:34:24Z |
dc.description | नृपेंद्र कुमार दत्त द्वारा लिखित ‘आर्यनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया’ सात अध्यायों में विभाजित है। यह आर्य सिद्धांत और मध्य एशियाई सिद्धांत के बारे में बताते हुए शुरू होती है। इसके बाद, आर्यों ने भारत में कैसे प्रवेश किया, भारत-आर्य आक्रमण और भारत-आर्य – दस्यूओं - के विस्तार के बारे में बताती है। इसके बाद पुस्तक पंजाब, पूर्वी भारत में मध्यदेश, और दक्कन में आर्य उपनिवेशन के स्वरूप पर प्रकाश डालती है। एन.के. दत्त ने ऋग्वेद की जनजातियों और साम्राज्यों, और इसके बाद इस जनजातियों और साम्राज्यों के बीच जो गतिविधियाँ हुईं, उनके बारे में भी बताया है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | 164 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | एन.के. बसु, कलकत्ता |
dc.subject | भारतीय इतिहास, पूर्व-आर्य काल, भारत का आर्यकरण |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1925 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-002626 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | दत्त, नृपेंद्र कुमार |
dc.coverage.spatial | India |
dc.date.accessioned | 2018-07-23T05:34:24Z |
dc.date.available | 2018-07-23T05:34:24Z |
dc.description | नृपेंद्र कुमार दत्त द्वारा लिखित ‘आर्यनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया’ सात अध्यायों में विभाजित है। यह आर्य सिद्धांत और मध्य एशियाई सिद्धांत के बारे में बताते हुए शुरू होती है। इसके बाद, आर्यों ने भारत में कैसे प्रवेश किया, भारत-आर्य आक्रमण और भारत-आर्य – दस्यूओं - के विस्तार के बारे में बताती है। इसके बाद पुस्तक पंजाब, पूर्वी भारत में मध्यदेश, और दक्कन में आर्य उपनिवेशन के स्वरूप पर प्रकाश डालती है। एन.के. दत्त ने ऋग्वेद की जनजातियों और साम्राज्यों, और इसके बाद इस जनजातियों और साम्राज्यों के बीच जो गतिविधियाँ हुईं, उनके बारे में भी बताया है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | 164 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | एन.के. बसु, कलकत्ता |
dc.subject | भारतीय इतिहास, पूर्व-आर्य काल, भारत का आर्यकरण |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1925 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-002626 |
dc.format.medium | text |