बंगाली ग्रामर इन द इंग्लिश लैंग्वेज
Author: रॉय, राममोहन
Keywords: बंगाली, बंगाली व्याकरण, बंगाली, इमला, शुद्ध-लेखन, भाषा-विज्ञान, भाषा शास्त्र
Publisher: यूनिवर्सिटी प्रेस, कलकत्ता
Description: यह पुस्तक ‘मूल निवासियों’ के साथ संपर्क बनाने में रुचि रखने वाले सभी यूरोपीय लोगों के लिए है, जिन्हें इस संपर्क को सुविधाजनक बनाने के लिए बंगाली व्याकरण की जरूरत होती है। यह बंगाली में उपयुक्त प्रमुख नियमों के साथ-साथ इसके व्याकरण के सामान्य शिक्षण की एक संक्षिप्त रूपरेखा प्रदान करने के उद्देश्य से लिखी गई है। इसमें इमला और शुद्ध-लेखन, व्यंजनों, अलग-अलग अक्षरों की ध्वनियों, अक्षरों के विविध उच्चारणों, समुच्चयबोधक, शब्द-व्युपत्ति, लिंग, संख्याएँ, विभिन्न प्रकार की संज्ञाओं, सर्वनामों, विशेषणों और क्रियाओं के विभाजन को सम्मिलित करने वाले अध्याय हैं।
Source: राष्ट्रीय पुस्तकालय, कलकत्ता
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: राष्ट्रीय पुस्तकालय
DC Field | Value |
dc.contributor.author | रॉय, राममोहन |
dc.date.accessioned | 2013-11-26T09:27:10Z 2019-12-07T06:29:05Z |
dc.date.available | 2013-11-26T09:27:10Z 2019-12-07T06:29:05Z |
dc.description | यह पुस्तक ‘मूल निवासियों’ के साथ संपर्क बनाने में रुचि रखने वाले सभी यूरोपीय लोगों के लिए है, जिन्हें इस संपर्क को सुविधाजनक बनाने के लिए बंगाली व्याकरण की जरूरत होती है। यह बंगाली में उपयुक्त प्रमुख नियमों के साथ-साथ इसके व्याकरण के सामान्य शिक्षण की एक संक्षिप्त रूपरेखा प्रदान करने के उद्देश्य से लिखी गई है। इसमें इमला और शुद्ध-लेखन, व्यंजनों, अलग-अलग अक्षरों की ध्वनियों, अक्षरों के विविध उच्चारणों, समुच्चयबोधक, शब्द-व्युपत्ति, लिंग, संख्याएँ, विभिन्न प्रकार की संज्ञाओं, सर्वनामों, विशेषणों और क्रियाओं के विभाजन को सम्मिलित करने वाले अध्याय हैं। |
dc.source | राष्ट्रीय पुस्तकालय, कलकत्ता |
dc.format.extent | 140 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी, बंगाली |
dc.publisher | यूनिवर्सिटी प्रेस, कलकत्ता |
dc.subject | बंगाली, बंगाली व्याकरण, बंगाली, इमला, शुद्ध-लेखन, भाषा-विज्ञान, भाषा शास्त्र |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1826 |
dc.identifier.accessionnumber | IMP4419 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | रॉय, राममोहन |
dc.date.accessioned | 2013-11-26T09:27:10Z 2019-12-07T06:29:05Z |
dc.date.available | 2013-11-26T09:27:10Z 2019-12-07T06:29:05Z |
dc.description | यह पुस्तक ‘मूल निवासियों’ के साथ संपर्क बनाने में रुचि रखने वाले सभी यूरोपीय लोगों के लिए है, जिन्हें इस संपर्क को सुविधाजनक बनाने के लिए बंगाली व्याकरण की जरूरत होती है। यह बंगाली में उपयुक्त प्रमुख नियमों के साथ-साथ इसके व्याकरण के सामान्य शिक्षण की एक संक्षिप्त रूपरेखा प्रदान करने के उद्देश्य से लिखी गई है। इसमें इमला और शुद्ध-लेखन, व्यंजनों, अलग-अलग अक्षरों की ध्वनियों, अक्षरों के विविध उच्चारणों, समुच्चयबोधक, शब्द-व्युपत्ति, लिंग, संख्याएँ, विभिन्न प्रकार की संज्ञाओं, सर्वनामों, विशेषणों और क्रियाओं के विभाजन को सम्मिलित करने वाले अध्याय हैं। |
dc.source | राष्ट्रीय पुस्तकालय, कलकत्ता |
dc.format.extent | 140 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी, बंगाली |
dc.publisher | यूनिवर्सिटी प्रेस, कलकत्ता |
dc.subject | बंगाली, बंगाली व्याकरण, बंगाली, इमला, शुद्ध-लेखन, भाषा-विज्ञान, भाषा शास्त्र |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1826 |
dc.identifier.accessionnumber | IMP4419 |
dc.format.medium | text |