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ब्राह्मणस

Author: बिंगली, ए.एच
निकोल्स, ए.

Keywords: ब्राह्मण, जाति व्यवस्था, भारत, आर्य, पुजारी

Publisher: सरकारी केंद्रीय मुद्रण कार्यालय, शिमला

Description: यह कार्य 'ब्राह्मणों', जिन्हें यहाँ 'आर्य पुजारी' के रूप में पहचाना गया है, पर एक हस्त पुस्तिका लिखने के उद्देश्य से किया गया है। इसे पाँच अध्यायों में विभाजित किया गया है और इसकी शुरुआत 'प्राचीन भारत' में 'आर्य जाति' के इतिहास से होती है। यह पुस्तक कृषि की उत्पत्ति और विभिन्न जातियों में लोगों के पृथक्करण की बात करती है। दूसरा अध्याय 'ब्राहमणों' के वर्गीकरण और उनके भौगोलिक वितरण से संबंधित है। इसके आगे, इस पुस्तक में उनकी वांछनीय 'विशेषताओं', रीति-रिवाजों और त्योहारों का वर्णन भी दिया गया है। इसकी शुरुआत में लेखकों द्वारा परामर्शित महत्वपूर्ण कार्यों की एक सूची भी प्रदान की गई है।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author बिंगली, ए.एच
निकोल्स, ए.
dc.coverage.spatial India
dc.date.accessioned 2018-07-23T10:42:53Z
dc.date.available 2018-07-23T10:42:53Z
dc.description यह कार्य 'ब्राह्मणों', जिन्हें यहाँ 'आर्य पुजारी' के रूप में पहचाना गया है, पर एक हस्त पुस्तिका लिखने के उद्देश्य से किया गया है। इसे पाँच अध्यायों में विभाजित किया गया है और इसकी शुरुआत 'प्राचीन भारत' में 'आर्य जाति' के इतिहास से होती है। यह पुस्तक कृषि की उत्पत्ति और विभिन्न जातियों में लोगों के पृथक्करण की बात करती है। दूसरा अध्याय 'ब्राहमणों' के वर्गीकरण और उनके भौगोलिक वितरण से संबंधित है। इसके आगे, इस पुस्तक में उनकी वांछनीय 'विशेषताओं', रीति-रिवाजों और त्योहारों का वर्णन भी दिया गया है। इसकी शुरुआत में लेखकों द्वारा परामर्शित महत्वपूर्ण कार्यों की एक सूची भी प्रदान की गई है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent ii, 56 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher सरकारी केंद्रीय मुद्रण कार्यालय, शिमला
dc.subject ब्राह्मण, जाति व्यवस्था, भारत, आर्य, पुजारी
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1897
dc.identifier.accessionnumber AS-000716
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author बिंगली, ए.एच
निकोल्स, ए.
dc.coverage.spatial India
dc.date.accessioned 2018-07-23T10:42:53Z
dc.date.available 2018-07-23T10:42:53Z
dc.description यह कार्य 'ब्राह्मणों', जिन्हें यहाँ 'आर्य पुजारी' के रूप में पहचाना गया है, पर एक हस्त पुस्तिका लिखने के उद्देश्य से किया गया है। इसे पाँच अध्यायों में विभाजित किया गया है और इसकी शुरुआत 'प्राचीन भारत' में 'आर्य जाति' के इतिहास से होती है। यह पुस्तक कृषि की उत्पत्ति और विभिन्न जातियों में लोगों के पृथक्करण की बात करती है। दूसरा अध्याय 'ब्राहमणों' के वर्गीकरण और उनके भौगोलिक वितरण से संबंधित है। इसके आगे, इस पुस्तक में उनकी वांछनीय 'विशेषताओं', रीति-रिवाजों और त्योहारों का वर्णन भी दिया गया है। इसकी शुरुआत में लेखकों द्वारा परामर्शित महत्वपूर्ण कार्यों की एक सूची भी प्रदान की गई है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent ii, 56 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher सरकारी केंद्रीय मुद्रण कार्यालय, शिमला
dc.subject ब्राह्मण, जाति व्यवस्था, भारत, आर्य, पुजारी
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1897
dc.identifier.accessionnumber AS-000716
dc.format.medium text