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ब्रह्म-नॉलेज: एन आउटलाइन ऑफ़ द फ़िलॉसफ़ी ऑफ़ द वेदांत

Author: एल.डी. बार्नेट

Keywords: वेदांत, ब्रह्म, वेद, उपनिषद, शंकर, एल. डी. बार्नेट

Publisher: जॉन मरे, लंदन

Description: यहाँ पर विचारण प्रणाली की एक रूपरेखा, जिसे 'वेदांत' के रूप में जाना जाता है, को प्रस्तुत किया गया है। इस पुस्तक को दो भागों में बांटा गया है। पहले भाग में वेदों, उपनिषदों और उनमें प्रस्तुत विचारों के बारे में बात की गई है। इसमें 'माया’, आत्मा, पारगमन, 'पूर्ण अस्तित्व’ के रूप में 'ब्रह्म’ की धारणा, और मरणोपरांत जीवन’ के अस्तित्व की अवधारणाओं पर भी चर्चा की गई है। दूसरा भाग छोटा है और इसमें 'वेदांत' की कुछ विषय वस्तु से युक्त परिशिष्ट और प्रमुख उपनिषदों की सूची है।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author एल.डी. बार्नेट
dc.date.accessioned 2017-05-01T13:50:52Z
2018-06-07T03:12:33Z
dc.date.available 2017-05-01T13:50:52Z
2018-06-07T03:12:33Z
dc.description यहाँ पर विचारण प्रणाली की एक रूपरेखा, जिसे 'वेदांत' के रूप में जाना जाता है, को प्रस्तुत किया गया है। इस पुस्तक को दो भागों में बांटा गया है। पहले भाग में वेदों, उपनिषदों और उनमें प्रस्तुत विचारों के बारे में बात की गई है। इसमें 'माया’, आत्मा, पारगमन, 'पूर्ण अस्तित्व’ के रूप में 'ब्रह्म’ की धारणा, और मरणोपरांत जीवन’ के अस्तित्व की अवधारणाओं पर भी चर्चा की गई है। दूसरा भाग छोटा है और इसमें 'वेदांत' की कुछ विषय वस्तु से युक्त परिशिष्ट और प्रमुख उपनिषदों की सूची है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 113p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher जॉन मरे, लंदन
dc.relation.ispartofseries Wisdom of the east series/ edited by D.Cranmer-Byng and S.A.Kapadia
dc.subject वेदांत, ब्रह्म, वेद, उपनिषद, शंकर, एल. डी. बार्नेट
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1911
dc.identifier.accessionnumber AS-000210
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author एल.डी. बार्नेट
dc.date.accessioned 2017-05-01T13:50:52Z
2018-06-07T03:12:33Z
dc.date.available 2017-05-01T13:50:52Z
2018-06-07T03:12:33Z
dc.description यहाँ पर विचारण प्रणाली की एक रूपरेखा, जिसे 'वेदांत' के रूप में जाना जाता है, को प्रस्तुत किया गया है। इस पुस्तक को दो भागों में बांटा गया है। पहले भाग में वेदों, उपनिषदों और उनमें प्रस्तुत विचारों के बारे में बात की गई है। इसमें 'माया’, आत्मा, पारगमन, 'पूर्ण अस्तित्व’ के रूप में 'ब्रह्म’ की धारणा, और मरणोपरांत जीवन’ के अस्तित्व की अवधारणाओं पर भी चर्चा की गई है। दूसरा भाग छोटा है और इसमें 'वेदांत' की कुछ विषय वस्तु से युक्त परिशिष्ट और प्रमुख उपनिषदों की सूची है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 113p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher जॉन मरे, लंदन
dc.relation.ispartofseries Wisdom of the east series/ edited by D.Cranmer-Byng and S.A.Kapadia
dc.subject वेदांत, ब्रह्म, वेद, उपनिषद, शंकर, एल. डी. बार्नेट
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1911
dc.identifier.accessionnumber AS-000210
dc.format.medium text