ब्रह्म-नॉलेज एन आउटलाइन ऑफ़ द फ़िलॉसफ़ी ऑफ़ द वेदांत एज़ सेट फ़ोर्थ बाइ द उपनिषद्स एंड बाइ शंकर
Author: एल.डी. बार्नेट
Keywords: वेदांत, ब्रह्म, वेद, उपनिषद, शंकर, एल. डी. बार्नेट
Issue Date: 1907
Publisher: लंदन, जॉन मरे
Description: यहाँ पर विचारण प्रणाली की एक रूपरेखा, जिसे 'वेदांत' के रूप में जाना जाता है, को प्रस्तुत किया गया है। इस पुस्तक को दो भागों में बांटा गया है। पहले भाग में वेदों, उपनिषदों और उनमें प्रस्तुत विचारों के बारे में बात की गई है। इसमें 'माया’, आत्मा, पारगमन, 'पूर्ण अस्तित्व’ के रूप में 'ब्रह्म’ की धारणा, और मरणोपरांत जीवन’ के अस्तित्व की अवधारणाओं पर भी चर्चा की गई है। दूसरा भाग छोटा है और इसमें 'वेदांत' की कुछ विषय वस्तु से युक्त परिशिष्ट और प्रमुख उपनिषदों की सूची है।
Type: तकनीकी रिपोर्ट
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | एल.डी. बार्नेट |
dc.date.accessioned | 2006-11-15T08:29:00Z 2018-05-31T01:04:50Z |
dc.date.available | 2006-11-15T08:29:00Z 2018-05-31T01:04:50Z |
dc.description | यहाँ पर विचारण प्रणाली की एक रूपरेखा, जिसे 'वेदांत' के रूप में जाना जाता है, को प्रस्तुत किया गया है। इस पुस्तक को दो भागों में बांटा गया है। पहले भाग में वेदों, उपनिषदों और उनमें प्रस्तुत विचारों के बारे में बात की गई है। इसमें 'माया’, आत्मा, पारगमन, 'पूर्ण अस्तित्व’ के रूप में 'ब्रह्म’ की धारणा, और मरणोपरांत जीवन’ के अस्तित्व की अवधारणाओं पर भी चर्चा की गई है। दूसरा भाग छोटा है और इसमें 'वेदांत' की कुछ विषय वस्तु से युक्त परिशिष्ट और प्रमुख उपनिषदों की सूची है। |
dc.date.issued | 1907 |
dc.description.sponsorship | Delhi Superintendent Government of India |
dc.format.extent | 3556923 bytes1832 bytes |
dc.format.mimetype | application/pdfapplication/pdftext/plain |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | लंदन, जॉन मरे |
dc.relation.ispartofseries | 181.48 BAR-B |
dc.subject | वेदांत, ब्रह्म, वेद, उपनिषद, शंकर, एल. डी. बार्नेट |
dc.type | तकनीकी रिपोर्ट |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | एल.डी. बार्नेट |
dc.date.accessioned | 2006-11-15T08:29:00Z 2018-05-31T01:04:50Z |
dc.date.available | 2006-11-15T08:29:00Z 2018-05-31T01:04:50Z |
dc.description | यहाँ पर विचारण प्रणाली की एक रूपरेखा, जिसे 'वेदांत' के रूप में जाना जाता है, को प्रस्तुत किया गया है। इस पुस्तक को दो भागों में बांटा गया है। पहले भाग में वेदों, उपनिषदों और उनमें प्रस्तुत विचारों के बारे में बात की गई है। इसमें 'माया’, आत्मा, पारगमन, 'पूर्ण अस्तित्व’ के रूप में 'ब्रह्म’ की धारणा, और मरणोपरांत जीवन’ के अस्तित्व की अवधारणाओं पर भी चर्चा की गई है। दूसरा भाग छोटा है और इसमें 'वेदांत' की कुछ विषय वस्तु से युक्त परिशिष्ट और प्रमुख उपनिषदों की सूची है। |
dc.date.issued | 1907 |
dc.description.sponsorship | Delhi Superintendent Government of India |
dc.format.extent | 3556923 bytes1832 bytes |
dc.format.mimetype | application/pdfapplication/pdftext/plain |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | लंदन, जॉन मरे |
dc.relation.ispartofseries | 181.48 BAR-B |
dc.subject | वेदांत, ब्रह्म, वेद, उपनिषद, शंकर, एल. डी. बार्नेट |
dc.type | तकनीकी रिपोर्ट |