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ब्रीफ़ स्केच ऑफ़ द लैंड सिस्टम्स ऑफ़ बंगालएंड बिहार

Author: गुहा, अतुल चंद्र

Keywords: जोत, पट्टेदारी, स्थायी बंदोबस्त प्रणाली, भारत में ब्रिटिश, बंगाल और बिहार, अतुल चंद्र गुहा

Publisher: थैकर, स्पिंक एंड को., कलकत्ता

Description: पहला अध्याय 'पट्टेदार’ पर चर्चा के साथ शुरू होता है और प्रागैतिहासिक काल से बंगाल और बिहार के इतिहास के बारे में बात करता है। लेखक ने मालिकाना हक के शुरुआती संदर्भ में 'मनु संहिता' का भी उल्लेख किया है। यह पुस्तक 1793 से पहले होने वाली भूमि बंदोबस्त के बारे में बात करती है, और अंग्रेजों के अधीन स्थायी बंदोबस्त प्रणाली का विस्तृत विवरण भी देती है। इसमें इस प्रणाली के तहत ज़मींदारों के विवरण और उनकी स्थिति पर इसके अनर्थकारी प्रभाव शामिल हैं। इसके अलावा, लेखक स्थायी बंदोबस्त के बाहर के क्षेत्रों के बारे में भी संक्षेप में लिखता है।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author गुहा, अतुल चंद्र
dc.date.accessioned 2017-05-30T06:12:49Z
2018-06-07T03:51:16Z
dc.date.available 2017-05-30T06:12:49Z
2018-06-07T03:51:16Z
dc.description पहला अध्याय 'पट्टेदार’ पर चर्चा के साथ शुरू होता है और प्रागैतिहासिक काल से बंगाल और बिहार के इतिहास के बारे में बात करता है। लेखक ने मालिकाना हक के शुरुआती संदर्भ में 'मनु संहिता' का भी उल्लेख किया है। यह पुस्तक 1793 से पहले होने वाली भूमि बंदोबस्त के बारे में बात करती है, और अंग्रेजों के अधीन स्थायी बंदोबस्त प्रणाली का विस्तृत विवरण भी देती है। इसमें इस प्रणाली के तहत ज़मींदारों के विवरण और उनकी स्थिति पर इसके अनर्थकारी प्रभाव शामिल हैं। इसके अलावा, लेखक स्थायी बंदोबस्त के बाहर के क्षेत्रों के बारे में भी संक्षेप में लिखता है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent xiv, 457p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher थैकर, स्पिंक एंड को., कलकत्ता
dc.subject जोत, पट्टेदारी, स्थायी बंदोबस्त प्रणाली, भारत में ब्रिटिश, बंगाल और बिहार, अतुल चंद्र गुहा
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1915
dc.identifier.accessionnumber AS-004550
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author गुहा, अतुल चंद्र
dc.date.accessioned 2017-05-30T06:12:49Z
2018-06-07T03:51:16Z
dc.date.available 2017-05-30T06:12:49Z
2018-06-07T03:51:16Z
dc.description पहला अध्याय 'पट्टेदार’ पर चर्चा के साथ शुरू होता है और प्रागैतिहासिक काल से बंगाल और बिहार के इतिहास के बारे में बात करता है। लेखक ने मालिकाना हक के शुरुआती संदर्भ में 'मनु संहिता' का भी उल्लेख किया है। यह पुस्तक 1793 से पहले होने वाली भूमि बंदोबस्त के बारे में बात करती है, और अंग्रेजों के अधीन स्थायी बंदोबस्त प्रणाली का विस्तृत विवरण भी देती है। इसमें इस प्रणाली के तहत ज़मींदारों के विवरण और उनकी स्थिति पर इसके अनर्थकारी प्रभाव शामिल हैं। इसके अलावा, लेखक स्थायी बंदोबस्त के बाहर के क्षेत्रों के बारे में भी संक्षेप में लिखता है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent xiv, 457p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher थैकर, स्पिंक एंड को., कलकत्ता
dc.subject जोत, पट्टेदारी, स्थायी बंदोबस्त प्रणाली, भारत में ब्रिटिश, बंगाल और बिहार, अतुल चंद्र गुहा
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1915
dc.identifier.accessionnumber AS-004550
dc.format.medium text