ब्रीफ़ व्यू ऑफ़ द कास्ट सिस्टम ऑफ़ द नॉर्थ-वेस्टर्न प्रॉविंसेस एंड अवध,: टूगेदर विद एन एग्ज़ामिनेशन ऑफ़ द नेम्स एंड फ़िगर्स शोन इन द सेंसस रिपोर्ट, 1882, बीइंग एन अटेम्प्ट टू क्लासिफ़ाइ ऑन अ फ़ंक्शनल बेसिस ऑल द मेन कास्ट्स ऑफ़ द यूनाइटेड प्रॉविंसेस , एंड टू एक्सप्लेन देअर ग्रेडेशंस ऑफ़ रैंक एंड द प्रॉसेस ऑफ़ देअर फ़ॉर्मेशन. 28 फेब्रुअरी, 1885.
Author: नेस्फ़ील्ड, जॉन कोलिंसन
Keywords: भारतीय समाज, ब्रिटिश भारत, अवध, उत्तर पश्चिमी प्रांत, जे.सी. नेस्फ़ील्ड, जाति, जाति प्रथा
Publisher: उत्तर-पश्चिमी प्रांत और अवध सरकारी प्रेस, इलाहाबाद
Description: यह कार्य भारत में अंग्रेज़ों की पहली जनगणना के प्रयासों के उल्लेख के साथ शुरू होता है। यह 1882 में प्रकाशित 1881 की जनगणना रिपोर्ट को अपना आधार मानता है। कार्य उन्नीसवीं शताब्दी में अंग्रेज़ों के अधीन उत्तरी पश्चिमी प्रांतों और अवध के ‘जातियों’ और ‘जनजातियों’ के रूप में पहचाने जाने वाले विभिन्न समूहों का एक विवरण है। यह प्रत्येक समूह के व्यवसायों, उनके आंतरिक विभाजनों, गठन की प्रक्रिया, धार्मिक प्रथाओं, रीति-रिवाजों और परंपराओं इत्यादि का वर्णन करता है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | नेस्फ़ील्ड, जॉन कोलिंसन |
dc.date.accessioned | 2019-02-23T12:53:32Z |
dc.date.available | 2019-02-23T12:53:32Z |
dc.description | यह कार्य भारत में अंग्रेज़ों की पहली जनगणना के प्रयासों के उल्लेख के साथ शुरू होता है। यह 1882 में प्रकाशित 1881 की जनगणना रिपोर्ट को अपना आधार मानता है। कार्य उन्नीसवीं शताब्दी में अंग्रेज़ों के अधीन उत्तरी पश्चिमी प्रांतों और अवध के ‘जातियों’ और ‘जनजातियों’ के रूप में पहचाने जाने वाले विभिन्न समूहों का एक विवरण है। यह प्रत्येक समूह के व्यवसायों, उनके आंतरिक विभाजनों, गठन की प्रक्रिया, धार्मिक प्रथाओं, रीति-रिवाजों और परंपराओं इत्यादि का वर्णन करता है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | v, 132 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | उत्तर-पश्चिमी प्रांत और अवध सरकारी प्रेस, इलाहाबाद |
dc.subject | भारतीय समाज, ब्रिटिश भारत, अवध, उत्तर पश्चिमी प्रांत, जे.सी. नेस्फ़ील्ड, जाति, जाति प्रथा |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1885 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-004394 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | नेस्फ़ील्ड, जॉन कोलिंसन |
dc.date.accessioned | 2019-02-23T12:53:32Z |
dc.date.available | 2019-02-23T12:53:32Z |
dc.description | यह कार्य भारत में अंग्रेज़ों की पहली जनगणना के प्रयासों के उल्लेख के साथ शुरू होता है। यह 1882 में प्रकाशित 1881 की जनगणना रिपोर्ट को अपना आधार मानता है। कार्य उन्नीसवीं शताब्दी में अंग्रेज़ों के अधीन उत्तरी पश्चिमी प्रांतों और अवध के ‘जातियों’ और ‘जनजातियों’ के रूप में पहचाने जाने वाले विभिन्न समूहों का एक विवरण है। यह प्रत्येक समूह के व्यवसायों, उनके आंतरिक विभाजनों, गठन की प्रक्रिया, धार्मिक प्रथाओं, रीति-रिवाजों और परंपराओं इत्यादि का वर्णन करता है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | v, 132 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | उत्तर-पश्चिमी प्रांत और अवध सरकारी प्रेस, इलाहाबाद |
dc.subject | भारतीय समाज, ब्रिटिश भारत, अवध, उत्तर पश्चिमी प्रांत, जे.सी. नेस्फ़ील्ड, जाति, जाति प्रथा |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1885 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-004394 |
dc.format.medium | text |