बुद्धिज़्म एंड इट्स प्लेस इन द मेंटल लाइफ़ ऑफ़ मैनकाइंड
Author: पॉल डाहल्के
Keywords: दर्शनशास्त्र, इतिहास, भारत में बौद्ध धर्म, आत्मिक जीवन, धर्म
Issue Date: 1927
Publisher: लंदन, मैकमिलन
Description: इस पुस्तक का उद्देश्य उन लोगों की मदद करना है जो वर्तमान विचारों और मतों के अपरिहार्य चक्र के विरुद्घ संघर्षरत हैं। लेखक बौद्ध धर्म, जिसको वास्तविकता के सिद्धांत के रूप में संदर्भित किया गया है, और उसके महत्त्व को मनुष्यों के आत्मिक जीवन में स्थान देना चाहते हैं। सत्रह-अध्याय की यह पुस्तक बौद्ध धर्म में चेतना और जीवन की अवधारणाओं और रूपों का अन्वेषण करती है।
Type: तकनीकी रिपोर्ट
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | पॉल डाहल्के |
dc.date.accessioned | 2006-11-15T08:45:49Z 2018-05-31T01:05:51Z |
dc.date.available | 2006-11-15T08:45:49Z 2018-05-31T01:05:51Z |
dc.description | इस पुस्तक का उद्देश्य उन लोगों की मदद करना है जो वर्तमान विचारों और मतों के अपरिहार्य चक्र के विरुद्घ संघर्षरत हैं। लेखक बौद्ध धर्म, जिसको वास्तविकता के सिद्धांत के रूप में संदर्भित किया गया है, और उसके महत्त्व को मनुष्यों के आत्मिक जीवन में स्थान देना चाहते हैं। सत्रह-अध्याय की यह पुस्तक बौद्ध धर्म में चेतना और जीवन की अवधारणाओं और रूपों का अन्वेषण करती है। |
dc.date.issued | 1927 |
dc.description.sponsorship | Delhi Superintendent Government of India |
dc.format.extent | 10034348 bytes1832 bytes |
dc.format.mimetype | application/pdfapplication/pdftext/plain |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | लंदन, मैकमिलन |
dc.relation.ispartofseries | 294.3 DAH-B |
dc.subject | दर्शनशास्त्र, इतिहास, भारत में बौद्ध धर्म, आत्मिक जीवन, धर्म |
dc.type | तकनीकी रिपोर्ट |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | पॉल डाहल्के |
dc.date.accessioned | 2006-11-15T08:45:49Z 2018-05-31T01:05:51Z |
dc.date.available | 2006-11-15T08:45:49Z 2018-05-31T01:05:51Z |
dc.description | इस पुस्तक का उद्देश्य उन लोगों की मदद करना है जो वर्तमान विचारों और मतों के अपरिहार्य चक्र के विरुद्घ संघर्षरत हैं। लेखक बौद्ध धर्म, जिसको वास्तविकता के सिद्धांत के रूप में संदर्भित किया गया है, और उसके महत्त्व को मनुष्यों के आत्मिक जीवन में स्थान देना चाहते हैं। सत्रह-अध्याय की यह पुस्तक बौद्ध धर्म में चेतना और जीवन की अवधारणाओं और रूपों का अन्वेषण करती है। |
dc.date.issued | 1927 |
dc.description.sponsorship | Delhi Superintendent Government of India |
dc.format.extent | 10034348 bytes1832 bytes |
dc.format.mimetype | application/pdfapplication/pdftext/plain |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | लंदन, मैकमिलन |
dc.relation.ispartofseries | 294.3 DAH-B |
dc.subject | दर्शनशास्त्र, इतिहास, भारत में बौद्ध धर्म, आत्मिक जीवन, धर्म |
dc.type | तकनीकी रिपोर्ट |