बुद्धिज़्म एंड इट्स प्लेस इन द मेंटल लाइफ़ ऑफ़ मैनकाइंड
Author: डाहल्के, पॉल
Keywords: दर्शनशास्त्र, इतिहास, भारत में बौद्ध धर्म, आत्मिक जीवन, धर्म
Publisher: मैकमिलन, लंदन
Description: इस पुस्तक का उद्देश्य उन लोगों की मदद करना है जो वर्तमान विचारों और मतों के अपरिहार्य चक्र के विरुद्घ संघर्षरत हैं। लेखक बौद्ध धर्म, जिसको वास्तविकता के सिद्धांत के रूप में संदर्भित किया गया है, और उसके महत्त्व को मनुष्यों के आत्मिक जीवन में स्थान देना चाहते हैं। सत्रह-अध्याय की यह पुस्तक बौद्ध धर्म में चेतना और जीवन की अवधारणाओं और रूपों का अन्वेषण करती है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | डाहल्के, पॉल |
dc.date.accessioned | 2017-05-03T09:56:55Z 2018-06-07T06:20:49Z |
dc.date.available | 2017-05-03T09:56:55Z 2018-06-07T06:20:49Z |
dc.description | इस पुस्तक का उद्देश्य उन लोगों की मदद करना है जो वर्तमान विचारों और मतों के अपरिहार्य चक्र के विरुद्घ संघर्षरत हैं। लेखक बौद्ध धर्म, जिसको वास्तविकता के सिद्धांत के रूप में संदर्भित किया गया है, और उसके महत्त्व को मनुष्यों के आत्मिक जीवन में स्थान देना चाहते हैं। सत्रह-अध्याय की यह पुस्तक बौद्ध धर्म में चेतना और जीवन की अवधारणाओं और रूपों का अन्वेषण करती है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | 21p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | मैकमिलन, लंदन |
dc.subject | दर्शनशास्त्र, इतिहास, भारत में बौद्ध धर्म, आत्मिक जीवन, धर्म |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1927 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-000391 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | डाहल्के, पॉल |
dc.date.accessioned | 2017-05-03T09:56:55Z 2018-06-07T06:20:49Z |
dc.date.available | 2017-05-03T09:56:55Z 2018-06-07T06:20:49Z |
dc.description | इस पुस्तक का उद्देश्य उन लोगों की मदद करना है जो वर्तमान विचारों और मतों के अपरिहार्य चक्र के विरुद्घ संघर्षरत हैं। लेखक बौद्ध धर्म, जिसको वास्तविकता के सिद्धांत के रूप में संदर्भित किया गया है, और उसके महत्त्व को मनुष्यों के आत्मिक जीवन में स्थान देना चाहते हैं। सत्रह-अध्याय की यह पुस्तक बौद्ध धर्म में चेतना और जीवन की अवधारणाओं और रूपों का अन्वेषण करती है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | 21p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | मैकमिलन, लंदन |
dc.subject | दर्शनशास्त्र, इतिहास, भारत में बौद्ध धर्म, आत्मिक जीवन, धर्म |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1927 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-000391 |
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