डायरी ऑफ़ आनंद रंगा पिल्लई वॉल.11
Author: डॉडवेल, एच.
Editor: Dodwell, H.
Keywords: जीवनी, इतिहास, फ़्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी, 18वीं शताब्दी, भारतीय इतिहास, आंग्ल-फ़्रांसीसी कर्नाटक युद्ध, 18वीं शताब्दी का इतिहास, पॉन्डिचेरी
Publisher: गवर्नमेंट प्रेस, मद्रास
Description: यह आनंद रंगा पिल्लई की डायरी है। वे एक दुबाश (दो भाषाओं को जानने वाले) व्यक्ति थे जो फ़्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी में सेवारत थे। इस डायरी का तमिल से अंग्रेज़ी में अनुवाद मद्रास सरकार के आदेश पर किया गया था। इसमें डी गई जानकारी विशेष रूप से 18वीं शताब्दी के दौरान भारत में राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक जीवन का वर्णन करने के लिए प्रसिद्ध है। इस डायरी में युद्धों के दौरान जीवन के विभिन्न व्याख्यान भी शामिल हैं। आनंद रंगा पिल्लई की डायरी के बारह-खंड की श्रृंखला का यह 11वां खंड है, जिसमें पॉन्डिचेरी में जुलाई 1757 से दिसंबर 1759 तक की अवधि को समाविष्ट किया गया है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | डॉडवेल, एच. |
dc.contributor.editor | Dodwell, H. |
dc.date.accessioned | 2017-05-25T07:03:40Z 2018-06-07T04:05:40Z |
dc.date.available | 2017-05-25T07:03:40Z 2018-06-07T04:05:40Z |
dc.description | यह आनंद रंगा पिल्लई की डायरी है। वे एक दुबाश (दो भाषाओं को जानने वाले) व्यक्ति थे जो फ़्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी में सेवारत थे। इस डायरी का तमिल से अंग्रेज़ी में अनुवाद मद्रास सरकार के आदेश पर किया गया था। इसमें डी गई जानकारी विशेष रूप से 18वीं शताब्दी के दौरान भारत में राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक जीवन का वर्णन करने के लिए प्रसिद्ध है। इस डायरी में युद्धों के दौरान जीवन के विभिन्न व्याख्यान भी शामिल हैं। आनंद रंगा पिल्लई की डायरी के बारह-खंड की श्रृंखला का यह 11वां खंड है, जिसमें पॉन्डिचेरी में जुलाई 1757 से दिसंबर 1759 तक की अवधि को समाविष्ट किया गया है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xxi, 488p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | हिंदी |
dc.publisher | गवर्नमेंट प्रेस, मद्रास |
dc.subject | जीवनी, इतिहास, फ़्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी, 18वीं शताब्दी, भारतीय इतिहास, आंग्ल-फ़्रांसीसी कर्नाटक युद्ध, 18वीं शताब्दी का इतिहास, पॉन्डिचेरी |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1927 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-003746 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | डॉडवेल, एच. |
dc.contributor.editor | Dodwell, H. |
dc.date.accessioned | 2017-05-25T07:03:40Z 2018-06-07T04:05:40Z |
dc.date.available | 2017-05-25T07:03:40Z 2018-06-07T04:05:40Z |
dc.description | यह आनंद रंगा पिल्लई की डायरी है। वे एक दुबाश (दो भाषाओं को जानने वाले) व्यक्ति थे जो फ़्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी में सेवारत थे। इस डायरी का तमिल से अंग्रेज़ी में अनुवाद मद्रास सरकार के आदेश पर किया गया था। इसमें डी गई जानकारी विशेष रूप से 18वीं शताब्दी के दौरान भारत में राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक जीवन का वर्णन करने के लिए प्रसिद्ध है। इस डायरी में युद्धों के दौरान जीवन के विभिन्न व्याख्यान भी शामिल हैं। आनंद रंगा पिल्लई की डायरी के बारह-खंड की श्रृंखला का यह 11वां खंड है, जिसमें पॉन्डिचेरी में जुलाई 1757 से दिसंबर 1759 तक की अवधि को समाविष्ट किया गया है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xxi, 488p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | हिंदी |
dc.publisher | गवर्नमेंट प्रेस, मद्रास |
dc.subject | जीवनी, इतिहास, फ़्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी, 18वीं शताब्दी, भारतीय इतिहास, आंग्ल-फ़्रांसीसी कर्नाटक युद्ध, 18वीं शताब्दी का इतिहास, पॉन्डिचेरी |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1927 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-003746 |
dc.format.medium | text |