डिस्क्रिप्शन ऑफ़ द कैरेक्टर, मैनर, एंड कस्टम्स ऑफ़ द पीपल ऑफ़ इंडिया; एंड ऑफ़ देअर इंस्टिट्यूशंस, रिलीजस एंड सिविल
Author: डूबोआ, जे.ए.
Keywords: धर्म, शिष्टाचार, संस्कार, भारतीय धर्म, ब्राह्मण, भारतीय समाज
Publisher: लॉन्गमैन, लंदन
Description: यह फ़्रांसीसी पांडुलिपि का अंग्रेज़ी अनुवाद है जो भारत के समाज से संबंधित है। लेखक का भारतीयों और यूरोपीय लोगों के साथ दीर्घकालिक संपर्क था लेकिन उनके बारे में बहुत कम प्रामाणिक जानकारी थी। उसे उम्मीद थी कि यह खंड बहुत सारी जानकारी प्रदान करेगा और ऐसे किसी भी लेखक के लिए उपयोगी होगा, जो भारतीयों का और सुव्यवस्थित अध्ययन करता है। पहला भाग भारत के समाज का एक सामान्य परिदृश्य प्रदान करता है, दूसरा ब्राह्मण के चार चरणों का वर्णन करता है, और तीसरा भाग भारत के धर्मों से संबंधित है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | डूबोआ, जे.ए. |
dc.date.accessioned | 2019-02-20T13:22:23Z |
dc.date.available | 2019-02-20T13:22:23Z |
dc.description | यह फ़्रांसीसी पांडुलिपि का अंग्रेज़ी अनुवाद है जो भारत के समाज से संबंधित है। लेखक का भारतीयों और यूरोपीय लोगों के साथ दीर्घकालिक संपर्क था लेकिन उनके बारे में बहुत कम प्रामाणिक जानकारी थी। उसे उम्मीद थी कि यह खंड बहुत सारी जानकारी प्रदान करेगा और ऐसे किसी भी लेखक के लिए उपयोगी होगा, जो भारतीयों का और सुव्यवस्थित अध्ययन करता है। पहला भाग भारत के समाज का एक सामान्य परिदृश्य प्रदान करता है, दूसरा ब्राह्मण के चार चरणों का वर्णन करता है, और तीसरा भाग भारत के धर्मों से संबंधित है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xxvii, 565 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | लॉन्गमैन, लंदन |
dc.subject | धर्म, शिष्टाचार, संस्कार, भारतीय धर्म, ब्राह्मण, भारतीय समाज |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1817 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-001469 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | डूबोआ, जे.ए. |
dc.date.accessioned | 2019-02-20T13:22:23Z |
dc.date.available | 2019-02-20T13:22:23Z |
dc.description | यह फ़्रांसीसी पांडुलिपि का अंग्रेज़ी अनुवाद है जो भारत के समाज से संबंधित है। लेखक का भारतीयों और यूरोपीय लोगों के साथ दीर्घकालिक संपर्क था लेकिन उनके बारे में बहुत कम प्रामाणिक जानकारी थी। उसे उम्मीद थी कि यह खंड बहुत सारी जानकारी प्रदान करेगा और ऐसे किसी भी लेखक के लिए उपयोगी होगा, जो भारतीयों का और सुव्यवस्थित अध्ययन करता है। पहला भाग भारत के समाज का एक सामान्य परिदृश्य प्रदान करता है, दूसरा ब्राह्मण के चार चरणों का वर्णन करता है, और तीसरा भाग भारत के धर्मों से संबंधित है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xxvii, 565 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | लॉन्गमैन, लंदन |
dc.subject | धर्म, शिष्टाचार, संस्कार, भारतीय धर्म, ब्राह्मण, भारतीय समाज |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1817 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-001469 |
dc.format.medium | text |