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डिस्कवरी ऑफ़ द ऐक्सेक्ट साइट ऑफ़ अशोकाज़ क्लासिक कैपिटल ऑफ़ पाटलिपुत्र, द पालिबोथरा ऑफ़ द ग्रीक्स एंड डिस्क्रिप्शन ऑफ़ द सुपरफ़िशियल रिमेंस

Author: वॉडेल, एल.ए.

Keywords: पुरातत्व, वास्तुकला, पाटलिपुत्र, अशोक, राजा शशांक

Publisher: बंगाल सचिवालय प्रेस, कलकत्ता

Description: इस दस्तावेज़ में सम्राट अशोक की राजधानी पाटलिपुत्र के बारे में जानकारी दी गई है। लेखक ने पटना और इसके आस-पड़ोस के क्षेत्रों में खोज की और अशोक की राजधानी का स्थल ढूँढा। इस दस्तावेज़ में, उन्होंने पटलिपुत्र, इसकी अवस्थिति और रचना का वर्णन करने के साथ ही स्थल पर मिले अवशेषों के विवरणों को भी अपने इस कार्य शामिल किया है। इसमें यूनानियों और ह्वेन त्सांग के कार्यों को संदर्भित किया गया है। इस दस्तावेज़ के उत्तरार्द्ध में, 600 ईस्वी में पाटलिपुत्र में बुद्ध के पत्थर के पदचिह्न को विरूपित करने वाले राजा शशांक, और उनके खोए हुए राज्य, कर्ण सुवर्ण, के बारे में जानकारी दी गई है। इस दस्तावेज़ में स्थलों और उनकी वास्तुकला की व्याख्या करने के लिए चित्र भी दिए गए हैं।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author वॉडेल, एल.ए.
dc.date.accessioned 2019-02-23T13:33:36Z
dc.date.available 2019-02-23T13:33:36Z
dc.description इस दस्तावेज़ में सम्राट अशोक की राजधानी पाटलिपुत्र के बारे में जानकारी दी गई है। लेखक ने पटना और इसके आस-पड़ोस के क्षेत्रों में खोज की और अशोक की राजधानी का स्थल ढूँढा। इस दस्तावेज़ में, उन्होंने पटलिपुत्र, इसकी अवस्थिति और रचना का वर्णन करने के साथ ही स्थल पर मिले अवशेषों के विवरणों को भी अपने इस कार्य शामिल किया है। इसमें यूनानियों और ह्वेन त्सांग के कार्यों को संदर्भित किया गया है। इस दस्तावेज़ के उत्तरार्द्ध में, 600 ईस्वी में पाटलिपुत्र में बुद्ध के पत्थर के पदचिह्न को विरूपित करने वाले राजा शशांक, और उनके खोए हुए राज्य, कर्ण सुवर्ण, के बारे में जानकारी दी गई है। इस दस्तावेज़ में स्थलों और उनकी वास्तुकला की व्याख्या करने के लिए चित्र भी दिए गए हैं।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 27p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher बंगाल सचिवालय प्रेस, कलकत्ता
dc.subject पुरातत्व, वास्तुकला, पाटलिपुत्र, अशोक, राजा शशांक
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1892
dc.identifier.accessionnumber AS-004514
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author वॉडेल, एल.ए.
dc.date.accessioned 2019-02-23T13:33:36Z
dc.date.available 2019-02-23T13:33:36Z
dc.description इस दस्तावेज़ में सम्राट अशोक की राजधानी पाटलिपुत्र के बारे में जानकारी दी गई है। लेखक ने पटना और इसके आस-पड़ोस के क्षेत्रों में खोज की और अशोक की राजधानी का स्थल ढूँढा। इस दस्तावेज़ में, उन्होंने पटलिपुत्र, इसकी अवस्थिति और रचना का वर्णन करने के साथ ही स्थल पर मिले अवशेषों के विवरणों को भी अपने इस कार्य शामिल किया है। इसमें यूनानियों और ह्वेन त्सांग के कार्यों को संदर्भित किया गया है। इस दस्तावेज़ के उत्तरार्द्ध में, 600 ईस्वी में पाटलिपुत्र में बुद्ध के पत्थर के पदचिह्न को विरूपित करने वाले राजा शशांक, और उनके खोए हुए राज्य, कर्ण सुवर्ण, के बारे में जानकारी दी गई है। इस दस्तावेज़ में स्थलों और उनकी वास्तुकला की व्याख्या करने के लिए चित्र भी दिए गए हैं।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 27p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher बंगाल सचिवालय प्रेस, कलकत्ता
dc.subject पुरातत्व, वास्तुकला, पाटलिपुत्र, अशोक, राजा शशांक
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1892
dc.identifier.accessionnumber AS-004514
dc.format.medium text