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एन इंग्लिश ट्रांसलेशन ऑफ़ द सुश्रुत संहिता बेस्ड ऑन ओरिजिनल संस्कृत टेक्स्ट

Editor: Bhishagratna,Kaviraj Kunjalal

Keywords: शरीर स्थान, निदान स्थान, चिकित्सा स्थान, सुश्रुत संहिता, दिवोदास, आयुर्वेदिक चिकित्सा, भारत में आयुर्वेदिक अध्ययन

Publisher: एस.एल. भादुड़ी, कलकत्ता

Description: यह पुस्तक कविराज कुँजलाल भिषागरत्न द्वारा अनुवाद का काम है। सुश्रुत संहिता का मूल संस्कृत ग्रंथ सुश्रुत द्वारा लिखा गया था, जिन्होंने अपने गुरु दिवोदास की शिक्षाओं को इसमें प्रस्तुत किया था। बौद्ध जातक के प्राचीन ग्रंथों में कहा जाता है कि, वह एक चिकित्सक थे जिन्होंने काशी के एक विद्यालय से शिक्षा प्राप्त की थी। सुश्रुत संहिता विशुद्ध रूप से चिकित्सा और शल्य चिकित्सा पर एक प्राचीन पुस्तक है। उस काल की व्यावहारिक शल्य चिकित्सा और दाई की समस्या से निपटने वाली यह एकमात्र पूर्ण पुस्तक है। यह निदान-स्थान, शरीर-स्थान, चिकित्सा-स्थान, और कल्प-स्थान के बारे में पुस्तक का दूसरा खंड है।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.editor Bhishagratna,Kaviraj Kunjalal
dc.date.accessioned 2018-07-26T08:30:21Z
dc.date.available 2018-07-26T08:30:21Z
dc.description यह पुस्तक कविराज कुँजलाल भिषागरत्न द्वारा अनुवाद का काम है। सुश्रुत संहिता का मूल संस्कृत ग्रंथ सुश्रुत द्वारा लिखा गया था, जिन्होंने अपने गुरु दिवोदास की शिक्षाओं को इसमें प्रस्तुत किया था। बौद्ध जातक के प्राचीन ग्रंथों में कहा जाता है कि, वह एक चिकित्सक थे जिन्होंने काशी के एक विद्यालय से शिक्षा प्राप्त की थी। सुश्रुत संहिता विशुद्ध रूप से चिकित्सा और शल्य चिकित्सा पर एक प्राचीन पुस्तक है। उस काल की व्यावहारिक शल्य चिकित्सा और दाई की समस्या से निपटने वाली यह एकमात्र पूर्ण पुस्तक है। यह निदान-स्थान, शरीर-स्थान, चिकित्सा-स्थान, और कल्प-स्थान के बारे में पुस्तक का दूसरा खंड है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent vol.1
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher एस.एल. भादुड़ी, कलकत्ता
dc.subject शरीर स्थान, निदान स्थान, चिकित्सा स्थान, सुश्रुत संहिता, दिवोदास, आयुर्वेदिक चिकित्सा, भारत में आयुर्वेदिक अध्ययन
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1907
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.editor Bhishagratna,Kaviraj Kunjalal
dc.date.accessioned 2018-07-26T08:30:21Z
dc.date.available 2018-07-26T08:30:21Z
dc.description यह पुस्तक कविराज कुँजलाल भिषागरत्न द्वारा अनुवाद का काम है। सुश्रुत संहिता का मूल संस्कृत ग्रंथ सुश्रुत द्वारा लिखा गया था, जिन्होंने अपने गुरु दिवोदास की शिक्षाओं को इसमें प्रस्तुत किया था। बौद्ध जातक के प्राचीन ग्रंथों में कहा जाता है कि, वह एक चिकित्सक थे जिन्होंने काशी के एक विद्यालय से शिक्षा प्राप्त की थी। सुश्रुत संहिता विशुद्ध रूप से चिकित्सा और शल्य चिकित्सा पर एक प्राचीन पुस्तक है। उस काल की व्यावहारिक शल्य चिकित्सा और दाई की समस्या से निपटने वाली यह एकमात्र पूर्ण पुस्तक है। यह निदान-स्थान, शरीर-स्थान, चिकित्सा-स्थान, और कल्प-स्थान के बारे में पुस्तक का दूसरा खंड है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent vol.1
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher एस.एल. भादुड़ी, कलकत्ता
dc.subject शरीर स्थान, निदान स्थान, चिकित्सा स्थान, सुश्रुत संहिता, दिवोदास, आयुर्वेदिक चिकित्सा, भारत में आयुर्वेदिक अध्ययन
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1907
dc.format.medium text