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एन इंग्लिश ट्रांसलेशन ऑफ़ सुश्रुत संहिता वॉल. II

Author: फ़्रेज़र जे.जी.

Keywords: जे.जी. फ़्रेज़र, प्राचीन समाज, ईश्वर, हिंसक मौतें, मानव-देवता, धर्म और जादू

Publisher: मैकमिलन, लंदन

Description: यह फ़्रेज़र के 'जादू और धर्म में अध्ययन' का तीसरा भाग है, और इसे 'द डाइंग गॉड' के नाम से जाना जाता है। इस पुस्तक में लेखक प्राचीन काल के समाजों में अपने उत्तराधिकारियों के हाथों ईश्वर के मानव प्रतिनिधियों की हिंसक मौतों के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करते हैं। अपने काम में, लेखक मुख्य रूप से उन तरीकों के विषय में बात करता है जिससे प्राचीन काल की धार्मिक प्रथाएँ मनुष्य को उसके परिवेश से जोड़ती थीं, और उसमें जादू और कल्पना की क्या भूमिका शामिल थी। इस पुस्तक में कुल आठ अध्याय हैं।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author फ़्रेज़र जे.जी.
dc.date.accessioned 2018-07-25T09:18:12Z
dc.date.available 2018-07-25T09:18:12Z
dc.description यह फ़्रेज़र के 'जादू और धर्म में अध्ययन' का तीसरा भाग है, और इसे 'द डाइंग गॉड' के नाम से जाना जाता है। इस पुस्तक में लेखक प्राचीन काल के समाजों में अपने उत्तराधिकारियों के हाथों ईश्वर के मानव प्रतिनिधियों की हिंसक मौतों के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करते हैं। अपने काम में, लेखक मुख्य रूप से उन तरीकों के विषय में बात करता है जिससे प्राचीन काल की धार्मिक प्रथाएँ मनुष्य को उसके परिवेश से जोड़ती थीं, और उसमें जादू और कल्पना की क्या भूमिका शामिल थी। इस पुस्तक में कुल आठ अध्याय हैं।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent xii, 305 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher मैकमिलन, लंदन
dc.subject जे.जी. फ़्रेज़र, प्राचीन समाज, ईश्वर, हिंसक मौतें, मानव-देवता, धर्म और जादू
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1911
dc.identifier.accessionnumber AS-001462
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author फ़्रेज़र जे.जी.
dc.date.accessioned 2018-07-25T09:18:12Z
dc.date.available 2018-07-25T09:18:12Z
dc.description यह फ़्रेज़र के 'जादू और धर्म में अध्ययन' का तीसरा भाग है, और इसे 'द डाइंग गॉड' के नाम से जाना जाता है। इस पुस्तक में लेखक प्राचीन काल के समाजों में अपने उत्तराधिकारियों के हाथों ईश्वर के मानव प्रतिनिधियों की हिंसक मौतों के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करते हैं। अपने काम में, लेखक मुख्य रूप से उन तरीकों के विषय में बात करता है जिससे प्राचीन काल की धार्मिक प्रथाएँ मनुष्य को उसके परिवेश से जोड़ती थीं, और उसमें जादू और कल्पना की क्या भूमिका शामिल थी। इस पुस्तक में कुल आठ अध्याय हैं।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent xii, 305 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher मैकमिलन, लंदन
dc.subject जे.जी. फ़्रेज़र, प्राचीन समाज, ईश्वर, हिंसक मौतें, मानव-देवता, धर्म और जादू
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1911
dc.identifier.accessionnumber AS-001462
dc.format.medium text