Sorry, you need to enable JavaScript to visit this website.

एंशिएंट लॉ इट्स कनेक्शन विथ द अर्ली हिस्ट्री ऑफ़ सोसाइटी, एंड इट्स रिलेशन टू मॉडर्न आइडिया

Author: मैन, हेनरी समनर

Keywords: प्राचीन क़ानून, न्यायशास्त्र, रोमन क़ानून, संविदाएँ, अपराध

Publisher: जॉन मरे, लंदन

Description: हेनरी समनर मैन द्वारा लिखित ‘एंशिएंट लॉ इट्स कनेक्शन विथ द अर्ली हिस्ट्री ऑफ़ सोसाइटी, एंड इट्स रिलेशन टू मॉडर्न आइडिया' मानव जाति के कुछ शुरुआती विचारों, जैसे वे प्राचीन क़ानून में परिलक्षित हैं, पर प्रकाश डालती है, और उन विचारों का आधुनिक सोच से संबंध बताती है। इस कार्य में रोमन न्यायशास्त्र के विशेष दार्शनिक सिद्धांतों का प्रयोग किया गया है।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author मैन, हेनरी समनर
dc.coverage.spatial India
dc.date.accessioned 2018-07-24T08:49:56Z
dc.date.available 2018-07-24T08:49:56Z
dc.description हेनरी समनर मैन द्वारा लिखित ‘एंशिएंट लॉ इट्स कनेक्शन विथ द अर्ली हिस्ट्री ऑफ़ सोसाइटी, एंड इट्स रिलेशन टू मॉडर्न आइडिया' मानव जाति के कुछ शुरुआती विचारों, जैसे वे प्राचीन क़ानून में परिलक्षित हैं, पर प्रकाश डालती है, और उन विचारों का आधुनिक सोच से संबंध बताती है। इस कार्य में रोमन न्यायशास्त्र के विशेष दार्शनिक सिद्धांतों का प्रयोग किया गया है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 415 p
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher जॉन मरे, लंदन
dc.subject प्राचीन क़ानून, न्यायशास्त्र, रोमन क़ानून, संविदाएँ, अपराध
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1866
dc.identifier.accessionnumber AS-001072
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author मैन, हेनरी समनर
dc.coverage.spatial India
dc.date.accessioned 2018-07-24T08:49:56Z
dc.date.available 2018-07-24T08:49:56Z
dc.description हेनरी समनर मैन द्वारा लिखित ‘एंशिएंट लॉ इट्स कनेक्शन विथ द अर्ली हिस्ट्री ऑफ़ सोसाइटी, एंड इट्स रिलेशन टू मॉडर्न आइडिया' मानव जाति के कुछ शुरुआती विचारों, जैसे वे प्राचीन क़ानून में परिलक्षित हैं, पर प्रकाश डालती है, और उन विचारों का आधुनिक सोच से संबंध बताती है। इस कार्य में रोमन न्यायशास्त्र के विशेष दार्शनिक सिद्धांतों का प्रयोग किया गया है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 415 p
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher जॉन मरे, लंदन
dc.subject प्राचीन क़ानून, न्यायशास्त्र, रोमन क़ानून, संविदाएँ, अपराध
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1866
dc.identifier.accessionnumber AS-001072
dc.format.medium text