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एपिक इंडिया

Author: वैद्य, सी.वी.

Keywords: समाज, भारत, भारतीय समाज, समाजशास्त्र

Issue Date: 1907

Publisher: चिंतामण विनायक वैद्य, बॉम्बे

Description: सी.वी. वैद्य द्वारा लिखित, पुस्तक भारतीय समाज के अध्ययन से संबंधित है। यह कुल वंश के अध्याय से शुरू होती है, जिसमें लेखक, सर एच. रिस्ले के भारतीय कुल वंशों के वर्गीकरण और उसके बारे में विस्तार से परिचर्चा करता है। बाद के अध्याय जाति, विवाह, शारीरिक गठन और वर्ण, भोजन, कपड़े और वेशभूषा, तथा लोगों के व्यवहार वैचित्र्य पर केंद्रित हैं। पुस्तक प्राचीन ग्रंथों में उल्लिखित राज्यतंत्र, क़ानून और न्याय पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा करती है।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author वैद्य, सी.वी.
dc.date.accessioned 2019-02-18T16:47:30Z
dc.date.available 2019-02-18T16:47:30Z
dc.description सी.वी. वैद्य द्वारा लिखित, पुस्तक भारतीय समाज के अध्ययन से संबंधित है। यह कुल वंश के अध्याय से शुरू होती है, जिसमें लेखक, सर एच. रिस्ले के भारतीय कुल वंशों के वर्गीकरण और उसके बारे में विस्तार से परिचर्चा करता है। बाद के अध्याय जाति, विवाह, शारीरिक गठन और वर्ण, भोजन, कपड़े और वेशभूषा, तथा लोगों के व्यवहार वैचित्र्य पर केंद्रित हैं। पुस्तक प्राचीन ग्रंथों में उल्लिखित राज्यतंत्र, क़ानून और न्याय पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा करती है।
dc.date.issued 1907
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent text
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher चिंतामण विनायक वैद्य, बॉम्बे
dc.subject समाज, भारत, भारतीय समाज, समाजशास्त्र
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.identifier.accessionnumber AS-002618
dc.format.medium 506p.
DC Field Value
dc.contributor.author वैद्य, सी.वी.
dc.date.accessioned 2019-02-18T16:47:30Z
dc.date.available 2019-02-18T16:47:30Z
dc.description सी.वी. वैद्य द्वारा लिखित, पुस्तक भारतीय समाज के अध्ययन से संबंधित है। यह कुल वंश के अध्याय से शुरू होती है, जिसमें लेखक, सर एच. रिस्ले के भारतीय कुल वंशों के वर्गीकरण और उसके बारे में विस्तार से परिचर्चा करता है। बाद के अध्याय जाति, विवाह, शारीरिक गठन और वर्ण, भोजन, कपड़े और वेशभूषा, तथा लोगों के व्यवहार वैचित्र्य पर केंद्रित हैं। पुस्तक प्राचीन ग्रंथों में उल्लिखित राज्यतंत्र, क़ानून और न्याय पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा करती है।
dc.date.issued 1907
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent text
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher चिंतामण विनायक वैद्य, बॉम्बे
dc.subject समाज, भारत, भारतीय समाज, समाजशास्त्र
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.identifier.accessionnumber AS-002618
dc.format.medium 506p.