एसेज़ ऑन एजुकेशनल रिकंस्ट्रक्शन इन इंडिया
Author: पणिक्कर, के.एम.
Keywords: शिक्षा, राष्ट्रीय शिक्षा, विद्यालय, शैक्षणिक प्रणाली, शैक्षणिक सुधार
Publisher: गणेश, मद्रास
Description: प्रख्यात इतिहासकार और राजनयिक के.एम. पणिक्कर द्वारा लिखित, यह पुस्तक भारतीय शिक्षा पर निबंधों का एक संग्रह है। ये निबंध, बीसवीं सदी के आरंभ में, भारत में प्रचलित शैक्षणिक प्रणाली का आलोचनात्मक रूप से विश्लेषण करते हैं। लेखक ने भारत की शिक्षा में सुधार और सामाजिक पुनर्निर्माण की निर्विवाद आवश्यकता को दर्शाया है, जो अपने दृष्टिकोण में राष्ट्रीय हित संबंधी और सार्वभौमिक हो सकती है। इन निबंधों में राष्ट्रीय शिक्षा की समस्या, माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा के माध्यमों के रूप में स्थानीय भाषाओं की आवश्यकता, विश्वविद्यालय सुधार और प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की औपचारिक प्रणाली के साथ बच्चों के प्रशिक्षण, के बारे में चर्चा की गई है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | पणिक्कर, के.एम. |
dc.date.accessioned | 2018-07-30T07:53:20Z |
dc.date.available | 2018-07-30T07:53:20Z |
dc.description | प्रख्यात इतिहासकार और राजनयिक के.एम. पणिक्कर द्वारा लिखित, यह पुस्तक भारतीय शिक्षा पर निबंधों का एक संग्रह है। ये निबंध, बीसवीं सदी के आरंभ में, भारत में प्रचलित शैक्षणिक प्रणाली का आलोचनात्मक रूप से विश्लेषण करते हैं। लेखक ने भारत की शिक्षा में सुधार और सामाजिक पुनर्निर्माण की निर्विवाद आवश्यकता को दर्शाया है, जो अपने दृष्टिकोण में राष्ट्रीय हित संबंधी और सार्वभौमिक हो सकती है। इन निबंधों में राष्ट्रीय शिक्षा की समस्या, माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा के माध्यमों के रूप में स्थानीय भाषाओं की आवश्यकता, विश्वविद्यालय सुधार और प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की औपचारिक प्रणाली के साथ बच्चों के प्रशिक्षण, के बारे में चर्चा की गई है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | 130 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | गणेश, मद्रास |
dc.subject | शिक्षा, राष्ट्रीय शिक्षा, विद्यालय, शैक्षणिक प्रणाली, शैक्षणिक सुधार |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1920 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-0056513 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | पणिक्कर, के.एम. |
dc.date.accessioned | 2018-07-30T07:53:20Z |
dc.date.available | 2018-07-30T07:53:20Z |
dc.description | प्रख्यात इतिहासकार और राजनयिक के.एम. पणिक्कर द्वारा लिखित, यह पुस्तक भारतीय शिक्षा पर निबंधों का एक संग्रह है। ये निबंध, बीसवीं सदी के आरंभ में, भारत में प्रचलित शैक्षणिक प्रणाली का आलोचनात्मक रूप से विश्लेषण करते हैं। लेखक ने भारत की शिक्षा में सुधार और सामाजिक पुनर्निर्माण की निर्विवाद आवश्यकता को दर्शाया है, जो अपने दृष्टिकोण में राष्ट्रीय हित संबंधी और सार्वभौमिक हो सकती है। इन निबंधों में राष्ट्रीय शिक्षा की समस्या, माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा के माध्यमों के रूप में स्थानीय भाषाओं की आवश्यकता, विश्वविद्यालय सुधार और प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की औपचारिक प्रणाली के साथ बच्चों के प्रशिक्षण, के बारे में चर्चा की गई है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | 130 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | गणेश, मद्रास |
dc.subject | शिक्षा, राष्ट्रीय शिक्षा, विद्यालय, शैक्षणिक प्रणाली, शैक्षणिक सुधार |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1920 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-0056513 |
dc.format.medium | text |