एसेज़ ऑन इंडियन इकोनॉमिक्स अ कलेक्शन ऑफ़ एसेज़ एंड स्पीचेज़
Author: रानाडे, महादेव गोविंद
Keywords: भाषण, निबंध, कृषि, भूमि, उत्प्रवासन, भारतीय अर्थशास्त्र
Publisher: जी.ए. नटेसन & को., मद्रास
Description: यह पुस्तक बारह निबंधों का एक संग्रह है जिसमें भारतीय विद्वान और समाज सुधारक, महादेव गोविंद रानाडे के लेख और भाषण दिए गए हैं। 'भारतीय राजनीतिक अर्थव्यवस्था’ (इंडियन पॉलिटिकल इकॉनमी) पर पहला निबंध बाद के निबंधों के मुख्य पहलुओं को संक्षेप में शामिल करता है। शेष निबंध क्रेडिट संगठनों, कृषि और उद्योग हेतु सरकारी प्रोत्साहन, उत्प्रवासन, स्थानीय और स्व-शासन, और ब्रिटिश भारत में भूमि बिक्री के कानूनों, जैसे विभिन्न विषयों पर आधारित हैं।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | रानाडे, महादेव गोविंद |
dc.date.accessioned | 2019-02-26T15:22:25Z |
dc.date.available | 2019-02-26T15:22:25Z |
dc.description | यह पुस्तक बारह निबंधों का एक संग्रह है जिसमें भारतीय विद्वान और समाज सुधारक, महादेव गोविंद रानाडे के लेख और भाषण दिए गए हैं। 'भारतीय राजनीतिक अर्थव्यवस्था’ (इंडियन पॉलिटिकल इकॉनमी) पर पहला निबंध बाद के निबंधों के मुख्य पहलुओं को संक्षेप में शामिल करता है। शेष निबंध क्रेडिट संगठनों, कृषि और उद्योग हेतु सरकारी प्रोत्साहन, उत्प्रवासन, स्थानीय और स्व-शासन, और ब्रिटिश भारत में भूमि बिक्री के कानूनों, जैसे विभिन्न विषयों पर आधारित हैं। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | iii, 353 p. |
dc.format.mimetype | Application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | जी.ए. नटेसन & को., मद्रास |
dc.subject | भाषण, निबंध, कृषि, भूमि, उत्प्रवासन, भारतीय अर्थशास्त्र |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1906 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-000797 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | रानाडे, महादेव गोविंद |
dc.date.accessioned | 2019-02-26T15:22:25Z |
dc.date.available | 2019-02-26T15:22:25Z |
dc.description | यह पुस्तक बारह निबंधों का एक संग्रह है जिसमें भारतीय विद्वान और समाज सुधारक, महादेव गोविंद रानाडे के लेख और भाषण दिए गए हैं। 'भारतीय राजनीतिक अर्थव्यवस्था’ (इंडियन पॉलिटिकल इकॉनमी) पर पहला निबंध बाद के निबंधों के मुख्य पहलुओं को संक्षेप में शामिल करता है। शेष निबंध क्रेडिट संगठनों, कृषि और उद्योग हेतु सरकारी प्रोत्साहन, उत्प्रवासन, स्थानीय और स्व-शासन, और ब्रिटिश भारत में भूमि बिक्री के कानूनों, जैसे विभिन्न विषयों पर आधारित हैं। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | iii, 353 p. |
dc.format.mimetype | Application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | जी.ए. नटेसन & को., मद्रास |
dc.subject | भाषण, निबंध, कृषि, भूमि, उत्प्रवासन, भारतीय अर्थशास्त्र |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1906 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-000797 |
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