एथनोग्राफ़िक नोट्स इन सदर्न इंडिया
Author: थर्स्टन, एडगर
Keywords: दक्षिण भारत, नृवंशविज्ञान, अग्निगमन, रीति-रिवाज, समाज, समुदाय
Publisher: अधीक्षक सरकारी प्रेस, मद्रास
Description: पुस्तक दक्षिणी भारत का एक विस्तृत नृवंशविज्ञान संबंधी अध्ययन है। यह पुस्तक क्षेत्र के विभिन्न समुदायों के बीच प्रचलित विवाह प्रथाओं, मृत्यु समारोहों, उनकी मान्यताओं, अंधविश्वासों और रीति-रिवाज़ों को सम्मिलित करती है। कुछ अध्याय दक्षिण भारत में प्रचलित मान्यताओं पर समर्पित हैं, जैसे कि आग पर चलना या अग्निगमन (फ़ायरवॉकिंग)। यहाँ कुछ परिस्थितियों में, व्यक्ति देवताओं/देवीयों के नाम पर, अग्निगमन की प्रतिज्ञा ले लेते हैं। एक अन्य अध्याय में, कुछ समुदायों द्वारा मनाए जाने वाले हुक घुमाने के महोत्सव (हुक स्विंगिंग फ़ेस्टिवल) की यातनाओं पर चर्चा की गई है। बाद के अध्यायों में विभिन्न समुदायों के बीच प्रचलित परिधानों, नामों और अन्य रीति-रिवाजों और प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | थर्स्टन, एडगर |
dc.date.accessioned | 2019-02-25T17:06:09Z |
dc.date.available | 2019-02-25T17:06:09Z |
dc.description | पुस्तक दक्षिणी भारत का एक विस्तृत नृवंशविज्ञान संबंधी अध्ययन है। यह पुस्तक क्षेत्र के विभिन्न समुदायों के बीच प्रचलित विवाह प्रथाओं, मृत्यु समारोहों, उनकी मान्यताओं, अंधविश्वासों और रीति-रिवाज़ों को सम्मिलित करती है। कुछ अध्याय दक्षिण भारत में प्रचलित मान्यताओं पर समर्पित हैं, जैसे कि आग पर चलना या अग्निगमन (फ़ायरवॉकिंग)। यहाँ कुछ परिस्थितियों में, व्यक्ति देवताओं/देवीयों के नाम पर, अग्निगमन की प्रतिज्ञा ले लेते हैं। एक अन्य अध्याय में, कुछ समुदायों द्वारा मनाए जाने वाले हुक घुमाने के महोत्सव (हुक स्विंगिंग फ़ेस्टिवल) की यातनाओं पर चर्चा की गई है। बाद के अध्यायों में विभिन्न समुदायों के बीच प्रचलित परिधानों, नामों और अन्य रीति-रिवाजों और प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | iv, 580 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | अधीक्षक सरकारी प्रेस, मद्रास |
dc.subject | दक्षिण भारत, नृवंशविज्ञान, अग्निगमन, रीति-रिवाज, समाज, समुदाय |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1906 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-005260 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | थर्स्टन, एडगर |
dc.date.accessioned | 2019-02-25T17:06:09Z |
dc.date.available | 2019-02-25T17:06:09Z |
dc.description | पुस्तक दक्षिणी भारत का एक विस्तृत नृवंशविज्ञान संबंधी अध्ययन है। यह पुस्तक क्षेत्र के विभिन्न समुदायों के बीच प्रचलित विवाह प्रथाओं, मृत्यु समारोहों, उनकी मान्यताओं, अंधविश्वासों और रीति-रिवाज़ों को सम्मिलित करती है। कुछ अध्याय दक्षिण भारत में प्रचलित मान्यताओं पर समर्पित हैं, जैसे कि आग पर चलना या अग्निगमन (फ़ायरवॉकिंग)। यहाँ कुछ परिस्थितियों में, व्यक्ति देवताओं/देवीयों के नाम पर, अग्निगमन की प्रतिज्ञा ले लेते हैं। एक अन्य अध्याय में, कुछ समुदायों द्वारा मनाए जाने वाले हुक घुमाने के महोत्सव (हुक स्विंगिंग फ़ेस्टिवल) की यातनाओं पर चर्चा की गई है। बाद के अध्यायों में विभिन्न समुदायों के बीच प्रचलित परिधानों, नामों और अन्य रीति-रिवाजों और प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | iv, 580 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | अधीक्षक सरकारी प्रेस, मद्रास |
dc.subject | दक्षिण भारत, नृवंशविज्ञान, अग्निगमन, रीति-रिवाज, समाज, समुदाय |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1906 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-005260 |
dc.format.medium | text |