हिंदू-आर्यन एस्ट्रोनॉमी एंड एंटिक्विटी ऑफ़ आर्यन रेस
Author: पाठक, भगवान दास
Keywords: हिंदू, आर्य, खगोल विज्ञान, ज्योतिष
Publisher: गढ़वाली प्रेस, देहरादून
Description: इस पुस्तक में प्राचीन हिंदू आर्य खगोल विज्ञान का एक संक्षिप्त विवरण देने, तथा उपलब्ध प्राचीन कार्यों से इसकी प्राचीनता का यथासंभव पता लगाने और प्राचीन भारतीय ऋषियों द्वारा किए गए अवलोकनों से प्राप्त परिणामों की गणना द्वारा उन्हें सत्यापित करने का प्रयास किया गया है। यह समय के विभाजन, ग्रहों की चाल, भूमध्य रेखा जैसे विषयों पर चर्चा करती है। यह कार्य प्राचीन ऋषियों की सटीकता का गुणगान करने का प्रयास करता है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | पाठक, भगवान दास |
dc.date.accessioned | 2019-03-02T12:01:32Z |
dc.date.available | 2019-03-02T12:01:32Z |
dc.description | इस पुस्तक में प्राचीन हिंदू आर्य खगोल विज्ञान का एक संक्षिप्त विवरण देने, तथा उपलब्ध प्राचीन कार्यों से इसकी प्राचीनता का यथासंभव पता लगाने और प्राचीन भारतीय ऋषियों द्वारा किए गए अवलोकनों से प्राप्त परिणामों की गणना द्वारा उन्हें सत्यापित करने का प्रयास किया गया है। यह समय के विभाजन, ग्रहों की चाल, भूमध्य रेखा जैसे विषयों पर चर्चा करती है। यह कार्य प्राचीन ऋषियों की सटीकता का गुणगान करने का प्रयास करता है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | iv, 118p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | गढ़वाली प्रेस, देहरादून |
dc.subject | हिंदू, आर्य, खगोल विज्ञान, ज्योतिष |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1920 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-001685 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | पाठक, भगवान दास |
dc.date.accessioned | 2019-03-02T12:01:32Z |
dc.date.available | 2019-03-02T12:01:32Z |
dc.description | इस पुस्तक में प्राचीन हिंदू आर्य खगोल विज्ञान का एक संक्षिप्त विवरण देने, तथा उपलब्ध प्राचीन कार्यों से इसकी प्राचीनता का यथासंभव पता लगाने और प्राचीन भारतीय ऋषियों द्वारा किए गए अवलोकनों से प्राप्त परिणामों की गणना द्वारा उन्हें सत्यापित करने का प्रयास किया गया है। यह समय के विभाजन, ग्रहों की चाल, भूमध्य रेखा जैसे विषयों पर चर्चा करती है। यह कार्य प्राचीन ऋषियों की सटीकता का गुणगान करने का प्रयास करता है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | iv, 118p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | गढ़वाली प्रेस, देहरादून |
dc.subject | हिंदू, आर्य, खगोल विज्ञान, ज्योतिष |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1920 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-001685 |
dc.format.medium | text |