हिस्ट्री ऑफ़ द दक्कन, वॉल. I & II
Author: ग्रिबल, जे.डी.बी.
Keywords: इतिहास, दक्कन, सभ्यता, विंध्य पर्वत, मुसलमानों का आक्रमण
Publisher: लूज़ैक & को., लंदन
Description: जी. डी. बी. ग्रिबल द्वारा लिखित यह पुस्तक दक्षिण भारत का एक ठोस इतिहास प्रस्तुत करती है। यह दक्षिणी भारत के उस हिस्से के बारे में है जो उत्तर में विंध्य पर्वत और गोदावरी नदी से, दक्षिण में तुंगभद्रा और कृष्णा नदियों से, तथा पूर्वी एवं पश्चिमी सीमाओं पर समुद्री किनारों पर स्थित घाट या पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा हुआ है। यह समुद्र तल से 1000 से 2000 मीटर की ऊंचाई वाले पठार को सम्मिलित करती है। यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक साबित होती है, क्योंकि मुसलमानों के आक्रमण से पहले, शिलालेखों और वास्तुशिल्प अवशेषों के अलावा, दक्कन के इतिहास का कोई प्रामाणिक अभिलेख मौजूद नहीं है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | ग्रिबल, जे.डी.बी. |
dc.date.accessioned | 2018-07-20T07:57:10Z |
dc.date.available | 2018-07-20T07:57:10Z |
dc.description | जी. डी. बी. ग्रिबल द्वारा लिखित यह पुस्तक दक्षिण भारत का एक ठोस इतिहास प्रस्तुत करती है। यह दक्षिणी भारत के उस हिस्से के बारे में है जो उत्तर में विंध्य पर्वत और गोदावरी नदी से, दक्षिण में तुंगभद्रा और कृष्णा नदियों से, तथा पूर्वी एवं पश्चिमी सीमाओं पर समुद्री किनारों पर स्थित घाट या पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा हुआ है। यह समुद्र तल से 1000 से 2000 मीटर की ऊंचाई वाले पठार को सम्मिलित करती है। यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक साबित होती है, क्योंकि मुसलमानों के आक्रमण से पहले, शिलालेखों और वास्तुशिल्प अवशेषों के अलावा, दक्कन के इतिहास का कोई प्रामाणिक अभिलेख मौजूद नहीं है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | 2 Vols. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | लूज़ैक & को., लंदन |
dc.subject | इतिहास, दक्कन, सभ्यता, विंध्य पर्वत, मुसलमानों का आक्रमण |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1924 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-002655AS-002652 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | ग्रिबल, जे.डी.बी. |
dc.date.accessioned | 2018-07-20T07:57:10Z |
dc.date.available | 2018-07-20T07:57:10Z |
dc.description | जी. डी. बी. ग्रिबल द्वारा लिखित यह पुस्तक दक्षिण भारत का एक ठोस इतिहास प्रस्तुत करती है। यह दक्षिणी भारत के उस हिस्से के बारे में है जो उत्तर में विंध्य पर्वत और गोदावरी नदी से, दक्षिण में तुंगभद्रा और कृष्णा नदियों से, तथा पूर्वी एवं पश्चिमी सीमाओं पर समुद्री किनारों पर स्थित घाट या पर्वत श्रृंखलाओं से घिरा हुआ है। यह समुद्र तल से 1000 से 2000 मीटर की ऊंचाई वाले पठार को सम्मिलित करती है। यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक साबित होती है, क्योंकि मुसलमानों के आक्रमण से पहले, शिलालेखों और वास्तुशिल्प अवशेषों के अलावा, दक्कन के इतिहास का कोई प्रामाणिक अभिलेख मौजूद नहीं है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | 2 Vols. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | लूज़ैक & को., लंदन |
dc.subject | इतिहास, दक्कन, सभ्यता, विंध्य पर्वत, मुसलमानों का आक्रमण |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1924 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-002655AS-002652 |
dc.format.medium | text |