हिस्ट्री ऑफ़ द सिख्स, फ़्रॉम द ओरिजिन ऑफ़ द नेशन टू द बैटल्स ऑफ़ द सतलज
Author: कनिंघम, जोसफ़ डेवी
Keywords: महाराजा रणजीत सिंह, सिख धर्म, सिख इतिहास, अंग्रेज़-सिख गठबंधन, सिख
Publisher: सान्याल, कलकत्ता
Description: 'हिस्ट्री ऑफ़ द सिख्स फ़्रॉम द ओरिजिन ऑफ़ द नेशन टू द बैटल्स ऑफ़ द सतलज' 1903 में प्रकाशित हुई थी। इसे जोसफ़ डेवी कनिंघम ने लिखा था। इस पुस्तक की शुरुआत देश और उसके नागरिकों, पुराने भारतीय पंथों, आधुनिक सुधारों और नानक की शिक्षा, सिख गुरुओं और सिख धर्म के संशोधन, सिख स्वतंत्रता की स्थापना से लेकर महाराजा रणजीत सिंह के राज्यारोहण और अंग्रेजों के साथ गठबंधन का उल्लेख करते हुए होती है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | कनिंघम, जोसफ़ डेवी |
dc.date.accessioned | 2017-05-12T11:12:37Z 2018-06-07T03:17:26Z |
dc.date.available | 2017-05-12T11:12:37Z 2018-06-07T03:17:26Z |
dc.description | 'हिस्ट्री ऑफ़ द सिख्स फ़्रॉम द ओरिजिन ऑफ़ द नेशन टू द बैटल्स ऑफ़ द सतलज' 1903 में प्रकाशित हुई थी। इसे जोसफ़ डेवी कनिंघम ने लिखा था। इस पुस्तक की शुरुआत देश और उसके नागरिकों, पुराने भारतीय पंथों, आधुनिक सुधारों और नानक की शिक्षा, सिख गुरुओं और सिख धर्म के संशोधन, सिख स्वतंत्रता की स्थापना से लेकर महाराजा रणजीत सिंह के राज्यारोहण और अंग्रेजों के साथ गठबंधन का उल्लेख करते हुए होती है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xxxii, 475p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | सान्याल, कलकत्ता |
dc.subject | महाराजा रणजीत सिंह, सिख धर्म, सिख इतिहास, अंग्रेज़-सिख गठबंधन, सिख |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1903 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-002906 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | कनिंघम, जोसफ़ डेवी |
dc.date.accessioned | 2017-05-12T11:12:37Z 2018-06-07T03:17:26Z |
dc.date.available | 2017-05-12T11:12:37Z 2018-06-07T03:17:26Z |
dc.description | 'हिस्ट्री ऑफ़ द सिख्स फ़्रॉम द ओरिजिन ऑफ़ द नेशन टू द बैटल्स ऑफ़ द सतलज' 1903 में प्रकाशित हुई थी। इसे जोसफ़ डेवी कनिंघम ने लिखा था। इस पुस्तक की शुरुआत देश और उसके नागरिकों, पुराने भारतीय पंथों, आधुनिक सुधारों और नानक की शिक्षा, सिख गुरुओं और सिख धर्म के संशोधन, सिख स्वतंत्रता की स्थापना से लेकर महाराजा रणजीत सिंह के राज्यारोहण और अंग्रेजों के साथ गठबंधन का उल्लेख करते हुए होती है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xxxii, 475p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | सान्याल, कलकत्ता |
dc.subject | महाराजा रणजीत सिंह, सिख धर्म, सिख इतिहास, अंग्रेज़-सिख गठबंधन, सिख |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1903 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-002906 |
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