अ हिस्ट्री ऑफ़ ग्रीस फ़्रॉम इट्स कॉनक़्वेस्ट बाय द रोमंस टू द प्रेज़ेंट टाइम
Author: फ़िनले, जॉर्ज
Editor: Tozer, H.F.
Keywords: यूनान (ग्रीस), रोमवासी, नवारिन की लड़ाई, यूनानी साम्राज्य, बवेरियों की तानाशाही, संवैधानिक राजतंत्र
Publisher: ऑक्सफ़ोर्ड क्लेरेंडन प्रेस, ऑक्सफ़ोर्ड
Description: जॉर्ज फ़िनले और एच.एफ. टोज़र द्वारा किया गया यह काम यूनान (ग्रीस) के इतिहास और रोमवासियों द्वारा इस पर विजय के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। यह पुस्तक यूनानी साम्राज्य की स्थापना से संबंधित है। यह छह अध्यायों में विभाजित है। अध्याय 1 विदेशी हस्तक्षेप - नवारिन की लड़ाई - के बारे में बात करता है। अध्याय 2 में जनवरी 1828 से अक्टूबर 1831 के दौरान काउंट कैपोडिस्डिस्ट्रियस की अध्यक्षता शामिल है। अध्याय 3 में अराजकता पर चर्चा की गई है। अध्याय 4 बवेरियों की तानाशाही और संवैधानिक क्रांति से संबंधित है। अध्याय 5 में संवैधानिक राजतंत्र और अध्याय 6 में राजवंश के परिवर्तन और नए संविधान की स्थापना, 1862-1864, का विवरण सम्मिलित है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | फ़िनले, जॉर्ज |
dc.contributor.editor | Tozer, H.F. |
dc.date.accessioned | 2019-03-11T15:35:38Z |
dc.date.available | 2019-03-11T15:35:38Z |
dc.description | जॉर्ज फ़िनले और एच.एफ. टोज़र द्वारा किया गया यह काम यूनान (ग्रीस) के इतिहास और रोमवासियों द्वारा इस पर विजय के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। यह पुस्तक यूनानी साम्राज्य की स्थापना से संबंधित है। यह छह अध्यायों में विभाजित है। अध्याय 1 विदेशी हस्तक्षेप - नवारिन की लड़ाई - के बारे में बात करता है। अध्याय 2 में जनवरी 1828 से अक्टूबर 1831 के दौरान काउंट कैपोडिस्डिस्ट्रियस की अध्यक्षता शामिल है। अध्याय 3 में अराजकता पर चर्चा की गई है। अध्याय 4 बवेरियों की तानाशाही और संवैधानिक क्रांति से संबंधित है। अध्याय 5 में संवैधानिक राजतंत्र और अध्याय 6 में राजवंश के परिवर्तन और नए संविधान की स्थापना, 1862-1864, का विवरण सम्मिलित है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | v.vii |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | ऑक्सफ़ोर्ड क्लेरेंडन प्रेस, ऑक्सफ़ोर्ड |
dc.subject | यूनान (ग्रीस), रोमवासी, नवारिन की लड़ाई, यूनानी साम्राज्य, बवेरियों की तानाशाही, संवैधानिक राजतंत्र |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1877 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-039806 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | फ़िनले, जॉर्ज |
dc.contributor.editor | Tozer, H.F. |
dc.date.accessioned | 2019-03-11T15:35:38Z |
dc.date.available | 2019-03-11T15:35:38Z |
dc.description | जॉर्ज फ़िनले और एच.एफ. टोज़र द्वारा किया गया यह काम यूनान (ग्रीस) के इतिहास और रोमवासियों द्वारा इस पर विजय के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। यह पुस्तक यूनानी साम्राज्य की स्थापना से संबंधित है। यह छह अध्यायों में विभाजित है। अध्याय 1 विदेशी हस्तक्षेप - नवारिन की लड़ाई - के बारे में बात करता है। अध्याय 2 में जनवरी 1828 से अक्टूबर 1831 के दौरान काउंट कैपोडिस्डिस्ट्रियस की अध्यक्षता शामिल है। अध्याय 3 में अराजकता पर चर्चा की गई है। अध्याय 4 बवेरियों की तानाशाही और संवैधानिक क्रांति से संबंधित है। अध्याय 5 में संवैधानिक राजतंत्र और अध्याय 6 में राजवंश के परिवर्तन और नए संविधान की स्थापना, 1862-1864, का विवरण सम्मिलित है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | v.vii |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | ऑक्सफ़ोर्ड क्लेरेंडन प्रेस, ऑक्सफ़ोर्ड |
dc.subject | यूनान (ग्रीस), रोमवासी, नवारिन की लड़ाई, यूनानी साम्राज्य, बवेरियों की तानाशाही, संवैधानिक राजतंत्र |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1877 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-039806 |
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