अ हिस्ट्री ऑफ़ हिंदू पॉलिटिकल थेओरिज़: फ़्रॉम द अर्लिएस्ट टाइम्स टू द एंड ऑफ़ द फ़र्स्ट क्वार्टर ऑफ़ द सेवेंटींथ सेंचुरी ए.डी.
Author: यू. घोषाल
Keywords: राजनीतिक सिद्धांत, राज्यतंत्र, हिंदू, उपनिषद, ऋग्वेद
Issue Date: 1923
Publisher: लंदन, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस
Description: यू घोषाल की यह किताब हिंदू लोगों के विचार को उसके मूल, विकास और गिरावट के लंबे और विविध इतिहास के माध्यम से जानने का प्रयास करती है। इसमें ऋग्वेद से लेकर उपनिषदों तक के राजनीतिक सिद्धांत की अवस्थाओं के बारे में चर्चा की गई है। इसमें कौटिल्य का अर्थशास्त्र और विज्ञान का पुनर्निर्माण; महाभारत; मनुसंहिता; मेधातिथि और विज्ञानेश्वर की टीका-टिप्पणी शामिल हैं। यह राज्यतंत्र के सार तत्व (नीतिसार) की अवस्थाओं के बारे में भी बात करती है।
Type: तकनीकी रिपोर्ट
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | यू. घोषाल |
dc.date.accessioned | 2006-11-15T08:46:56Z 2018-05-31T01:06:38Z |
dc.date.available | 2006-11-15T08:46:56Z 2018-05-31T01:06:38Z |
dc.description | यू घोषाल की यह किताब हिंदू लोगों के विचार को उसके मूल, विकास और गिरावट के लंबे और विविध इतिहास के माध्यम से जानने का प्रयास करती है। इसमें ऋग्वेद से लेकर उपनिषदों तक के राजनीतिक सिद्धांत की अवस्थाओं के बारे में चर्चा की गई है। इसमें कौटिल्य का अर्थशास्त्र और विज्ञान का पुनर्निर्माण; महाभारत; मनुसंहिता; मेधातिथि और विज्ञानेश्वर की टीका-टिप्पणी शामिल हैं। यह राज्यतंत्र के सार तत्व (नीतिसार) की अवस्थाओं के बारे में भी बात करती है। |
dc.date.issued | 1923 |
dc.description.sponsorship | Delhi Superintendent Government of India |
dc.format.extent | 11128097 bytes1832 bytes |
dc.format.mimetype | application/pdfapplication/pdftext/plain |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | लंदन, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस |
dc.relation.ispartofseries | 320.1095 GHO-H |
dc.subject | राजनीतिक सिद्धांत, राज्यतंत्र, हिंदू, उपनिषद, ऋग्वेद |
dc.type | तकनीकी रिपोर्ट |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | यू. घोषाल |
dc.date.accessioned | 2006-11-15T08:46:56Z 2018-05-31T01:06:38Z |
dc.date.available | 2006-11-15T08:46:56Z 2018-05-31T01:06:38Z |
dc.description | यू घोषाल की यह किताब हिंदू लोगों के विचार को उसके मूल, विकास और गिरावट के लंबे और विविध इतिहास के माध्यम से जानने का प्रयास करती है। इसमें ऋग्वेद से लेकर उपनिषदों तक के राजनीतिक सिद्धांत की अवस्थाओं के बारे में चर्चा की गई है। इसमें कौटिल्य का अर्थशास्त्र और विज्ञान का पुनर्निर्माण; महाभारत; मनुसंहिता; मेधातिथि और विज्ञानेश्वर की टीका-टिप्पणी शामिल हैं। यह राज्यतंत्र के सार तत्व (नीतिसार) की अवस्थाओं के बारे में भी बात करती है। |
dc.date.issued | 1923 |
dc.description.sponsorship | Delhi Superintendent Government of India |
dc.format.extent | 11128097 bytes1832 bytes |
dc.format.mimetype | application/pdfapplication/pdftext/plain |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | लंदन, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस |
dc.relation.ispartofseries | 320.1095 GHO-H |
dc.subject | राजनीतिक सिद्धांत, राज्यतंत्र, हिंदू, उपनिषद, ऋग्वेद |
dc.type | तकनीकी रिपोर्ट |