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हिस्ट्री ऑफ़ उड़ीसा फ़्रॉम द अर्लिएस्ट टाइम्स टू द ब्रिटिश पीरियड वॉल. I

Author: बनर्जी, आर.डी.

Keywords: इतिहास, उड़ीसा, ब्रिटिश काल, खंड I, प्रारंभिक समय

Publisher: आर. चटर्जी, कलकत्ता

Description: आर. डी. बनर्जी द्वारा लिखित 'हिस्ट्री ऑफ़ उड़ीसा फ़्रॉम द अर्लिएस्ट टाइम्स टू द ब्रिटिश पीरियड वॉल. I’ 1930 में प्रकाशित हुई थी। इस पुस्तक को बाईस अध्यायों में विभाजित किया गया है। यह उड़ीसा राज्य की स्थलाकृति के साथ ही यहाँ के लोगों, जातियों और भाषाओं के बारे में बात करने से शुरू होती है। इसके बाद लेखक ने प्रागैतिहासिक प्राचीन कालीन वस्तुओं और अतीत में मौजूद विभिन्न राजवंशों, जैसे नंद और मौर्य, खारवेल और कलिंग के साम्राज्य, पर प्रकाश डाला है। यह पुस्तक कलिंग, और शाक्य और गुप्त काल में उड़ीसा की स्थिति, हर्षवर्धन और सैलोद्भव, युआन च्वांग की नज़र से उड़ीसा, कारा, भंज वंश, तुंग, शुल्की, कोशल के सोमवंशी राजा, कलिंग के प्रारंभिक गंग, पूर्वी गंग- वज्रहस्त से अनंगभूमि द्वितीय तक, पूर्वी गंग - राजराजा तृतीय से नरसिंह प्रथम तक, कपिलेंद्र के साम्राज्य की नींव, पुरुषोत्तम (1470-97) के अधीन उड़ीसा का साम्राज्य, प्रतापरुद्र (1497-1541) के राज्य में उड़ीसा का पतन, और अंत में बाद के गजपतियों के बारे में पर्याप्त पठन सामग्री प्रदान करती है।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author बनर्जी, आर.डी.
dc.date.accessioned 2018-07-30T06:58:52Z
dc.date.available 2018-07-30T06:58:52Z
dc.description आर. डी. बनर्जी द्वारा लिखित 'हिस्ट्री ऑफ़ उड़ीसा फ़्रॉम द अर्लिएस्ट टाइम्स टू द ब्रिटिश पीरियड वॉल. I’ 1930 में प्रकाशित हुई थी। इस पुस्तक को बाईस अध्यायों में विभाजित किया गया है। यह उड़ीसा राज्य की स्थलाकृति के साथ ही यहाँ के लोगों, जातियों और भाषाओं के बारे में बात करने से शुरू होती है। इसके बाद लेखक ने प्रागैतिहासिक प्राचीन कालीन वस्तुओं और अतीत में मौजूद विभिन्न राजवंशों, जैसे नंद और मौर्य, खारवेल और कलिंग के साम्राज्य, पर प्रकाश डाला है। यह पुस्तक कलिंग, और शाक्य और गुप्त काल में उड़ीसा की स्थिति, हर्षवर्धन और सैलोद्भव, युआन च्वांग की नज़र से उड़ीसा, कारा, भंज वंश, तुंग, शुल्की, कोशल के सोमवंशी राजा, कलिंग के प्रारंभिक गंग, पूर्वी गंग- वज्रहस्त से अनंगभूमि द्वितीय तक, पूर्वी गंग - राजराजा तृतीय से नरसिंह प्रथम तक, कपिलेंद्र के साम्राज्य की नींव, पुरुषोत्तम (1470-97) के अधीन उड़ीसा का साम्राज्य, प्रतापरुद्र (1497-1541) के राज्य में उड़ीसा का पतन, और अंत में बाद के गजपतियों के बारे में पर्याप्त पठन सामग्री प्रदान करती है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 352 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher आर. चटर्जी, कलकत्ता
dc.subject इतिहास, उड़ीसा, ब्रिटिश काल, खंड I, प्रारंभिक समय
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1930
dc.identifier.accessionnumber AS-004521
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author बनर्जी, आर.डी.
dc.date.accessioned 2018-07-30T06:58:52Z
dc.date.available 2018-07-30T06:58:52Z
dc.description आर. डी. बनर्जी द्वारा लिखित 'हिस्ट्री ऑफ़ उड़ीसा फ़्रॉम द अर्लिएस्ट टाइम्स टू द ब्रिटिश पीरियड वॉल. I’ 1930 में प्रकाशित हुई थी। इस पुस्तक को बाईस अध्यायों में विभाजित किया गया है। यह उड़ीसा राज्य की स्थलाकृति के साथ ही यहाँ के लोगों, जातियों और भाषाओं के बारे में बात करने से शुरू होती है। इसके बाद लेखक ने प्रागैतिहासिक प्राचीन कालीन वस्तुओं और अतीत में मौजूद विभिन्न राजवंशों, जैसे नंद और मौर्य, खारवेल और कलिंग के साम्राज्य, पर प्रकाश डाला है। यह पुस्तक कलिंग, और शाक्य और गुप्त काल में उड़ीसा की स्थिति, हर्षवर्धन और सैलोद्भव, युआन च्वांग की नज़र से उड़ीसा, कारा, भंज वंश, तुंग, शुल्की, कोशल के सोमवंशी राजा, कलिंग के प्रारंभिक गंग, पूर्वी गंग- वज्रहस्त से अनंगभूमि द्वितीय तक, पूर्वी गंग - राजराजा तृतीय से नरसिंह प्रथम तक, कपिलेंद्र के साम्राज्य की नींव, पुरुषोत्तम (1470-97) के अधीन उड़ीसा का साम्राज्य, प्रतापरुद्र (1497-1541) के राज्य में उड़ीसा का पतन, और अंत में बाद के गजपतियों के बारे में पर्याप्त पठन सामग्री प्रदान करती है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 352 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher आर. चटर्जी, कलकत्ता
dc.subject इतिहास, उड़ीसा, ब्रिटिश काल, खंड I, प्रारंभिक समय
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1930
dc.identifier.accessionnumber AS-004521
dc.format.medium text