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इंपीरियल रूल इन इंडिया: बीइंग एन एग्ज़ामिनेशन ऑफ़ द प्रिंसिपल्स प्रॉपर टू द गवर्नमेंट ऑफ़ डिपेंडेंसीज़

Author: मॉरिसन, थिओडोर

Keywords: भारत वैधानिक शक्ति, शिक्षा, भारतीय स्वतंत्रता, अभिधारणानाएँ, राष्ट्रीयता, प्रशासनिक और राजनीतिक विभाग

Description: थिओडोर मॉरिसन द्वारा लिखित यह पुस्तक, भारत में राजशाही शासन का विवरण है, जिसमें विशेषकर अधीन क्षेत्रों के प्रशासन हेतु उचित सिद्धांतों की जाँच शामिल है। इसमें यह सुझाव भी है कि किस प्रकार राजनीतिक विकास का एक अवस्था से दूसरी अवस्था में परिवर्तन संभव हो सकता है। अपनी स्वतंत्रता (लिबर्टी) पर सूक्ष्म चर्चा सहित, लेखक ने समस्या के लिए एक प्रासंगिक समाधान प्रस्तावित किया है। पुस्तक भारतीय स्वतंत्रता और भारत में छद्म उदारवाद की अभिधारणा को विस्तार से परिभाषित करती है।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author मॉरिसन, थिओडोर
dc.date.accessioned 2019-03-01T15:15:51Z
dc.date.available 2019-03-01T15:15:51Z
dc.description थिओडोर मॉरिसन द्वारा लिखित यह पुस्तक, भारत में राजशाही शासन का विवरण है, जिसमें विशेषकर अधीन क्षेत्रों के प्रशासन हेतु उचित सिद्धांतों की जाँच शामिल है। इसमें यह सुझाव भी है कि किस प्रकार राजनीतिक विकास का एक अवस्था से दूसरी अवस्था में परिवर्तन संभव हो सकता है। अपनी स्वतंत्रता (लिबर्टी) पर सूक्ष्म चर्चा सहित, लेखक ने समस्या के लिए एक प्रासंगिक समाधान प्रस्तावित किया है। पुस्तक भारतीय स्वतंत्रता और भारत में छद्म उदारवाद की अभिधारणा को विस्तार से परिभाषित करती है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 147 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.subject भारत वैधानिक शक्ति, शिक्षा, भारतीय स्वतंत्रता, अभिधारणानाएँ, राष्ट्रीयता, प्रशासनिक और राजनीतिक विभाग
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1899
dc.identifier.accessionnumber AS-001219
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author मॉरिसन, थिओडोर
dc.date.accessioned 2019-03-01T15:15:51Z
dc.date.available 2019-03-01T15:15:51Z
dc.description थिओडोर मॉरिसन द्वारा लिखित यह पुस्तक, भारत में राजशाही शासन का विवरण है, जिसमें विशेषकर अधीन क्षेत्रों के प्रशासन हेतु उचित सिद्धांतों की जाँच शामिल है। इसमें यह सुझाव भी है कि किस प्रकार राजनीतिक विकास का एक अवस्था से दूसरी अवस्था में परिवर्तन संभव हो सकता है। अपनी स्वतंत्रता (लिबर्टी) पर सूक्ष्म चर्चा सहित, लेखक ने समस्या के लिए एक प्रासंगिक समाधान प्रस्तावित किया है। पुस्तक भारतीय स्वतंत्रता और भारत में छद्म उदारवाद की अभिधारणा को विस्तार से परिभाषित करती है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 147 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.subject भारत वैधानिक शक्ति, शिक्षा, भारतीय स्वतंत्रता, अभिधारणानाएँ, राष्ट्रीयता, प्रशासनिक और राजनीतिक विभाग
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1899
dc.identifier.accessionnumber AS-001219
dc.format.medium text