इंपीरियलिज़्म इन मॉडर्न हिस्ट्री सिक्स लेक्चर्स
Author: हॉल, डी.जी.ई.
Keywords: साम्राज्यवाद, उपनिवेश, इतिहास, अंतरराष्ट्रीय संबंध, रंगून विश्वविद्यालय, व्याख्यान
Publisher: गवर्नमेंट प्रिंटिंग, रंगून
Description: डी.जी.ई. हॉल द्वारा लिखित यह पुस्तक आधुनिक इतिहास में साम्राज्यवाद पर प्रकाश डालती है। इस खंड में शामिल छह व्याख्यान अगस्त, सितंबर और अक्टूबर 1922 में जुबली हॉल, रंगून में, रंगून विश्वविद्यालय की व्यवस्थापिका सभा की अनुमति से दिए गए थे। इन व्याख्यानों का प्रकाशन शाही विचार पर स्थायी समिति, बर्मा, जिनके आग्रह पर वे वास्तविकता में दिये गये थे, की अनुकंपा के कारण हुआ। ये छह व्याख्यान, रोमन साम्राज्य के इतिहास और विकास, मध्यकालीन साम्राज्यवाद, वाणिज्यिक साम्राज्यवाद, जर्मन साम्राज्यवाद और ब्रिटिश साम्राज्यवाद पर केंद्रित हैं।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | हॉल, डी.जी.ई. |
dc.date.accessioned | 2019-02-27T16:03:25Z |
dc.date.available | 2019-02-27T16:03:25Z |
dc.description | डी.जी.ई. हॉल द्वारा लिखित यह पुस्तक आधुनिक इतिहास में साम्राज्यवाद पर प्रकाश डालती है। इस खंड में शामिल छह व्याख्यान अगस्त, सितंबर और अक्टूबर 1922 में जुबली हॉल, रंगून में, रंगून विश्वविद्यालय की व्यवस्थापिका सभा की अनुमति से दिए गए थे। इन व्याख्यानों का प्रकाशन शाही विचार पर स्थायी समिति, बर्मा, जिनके आग्रह पर वे वास्तविकता में दिये गये थे, की अनुकंपा के कारण हुआ। ये छह व्याख्यान, रोमन साम्राज्य के इतिहास और विकास, मध्यकालीन साम्राज्यवाद, वाणिज्यिक साम्राज्यवाद, जर्मन साम्राज्यवाद और ब्रिटिश साम्राज्यवाद पर केंद्रित हैं। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | 83 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | गवर्नमेंट प्रिंटिंग, रंगून |
dc.subject | साम्राज्यवाद, उपनिवेश, इतिहास, अंतरराष्ट्रीय संबंध, रंगून विश्वविद्यालय, व्याख्यान |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1923 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-000754 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | हॉल, डी.जी.ई. |
dc.date.accessioned | 2019-02-27T16:03:25Z |
dc.date.available | 2019-02-27T16:03:25Z |
dc.description | डी.जी.ई. हॉल द्वारा लिखित यह पुस्तक आधुनिक इतिहास में साम्राज्यवाद पर प्रकाश डालती है। इस खंड में शामिल छह व्याख्यान अगस्त, सितंबर और अक्टूबर 1922 में जुबली हॉल, रंगून में, रंगून विश्वविद्यालय की व्यवस्थापिका सभा की अनुमति से दिए गए थे। इन व्याख्यानों का प्रकाशन शाही विचार पर स्थायी समिति, बर्मा, जिनके आग्रह पर वे वास्तविकता में दिये गये थे, की अनुकंपा के कारण हुआ। ये छह व्याख्यान, रोमन साम्राज्य के इतिहास और विकास, मध्यकालीन साम्राज्यवाद, वाणिज्यिक साम्राज्यवाद, जर्मन साम्राज्यवाद और ब्रिटिश साम्राज्यवाद पर केंद्रित हैं। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | 83 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | गवर्नमेंट प्रिंटिंग, रंगून |
dc.subject | साम्राज्यवाद, उपनिवेश, इतिहास, अंतरराष्ट्रीय संबंध, रंगून विश्वविद्यालय, व्याख्यान |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1923 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-000754 |
dc.format.medium | text |