ईस्टर्न मोनाकिज़्म
Author: हार्डी, आर. स्पेंस
Keywords: बौद्ध धर्म, बौद्ध धर्म के संस्थान, बौद्ध धर्म के नियम
Description: इस पुस्तक में, लेखक इस विचार को व्यक्त करते हैं कि गौतम की प्रणाली के रूप में बड़े पैमाने पर धर्म से संबंधित पुरोहिताई के कानून और नियम आवश्यक रूप से महान रुचि के विषय होने चाहिए। इस कृति में गौतम बुद्ध द्वारा स्थापित, नियमों, अनुशासन, पवित्र ग्रंथों, धार्मिक समारोहों और भिक्षावृत्ति की प्रथा, की उत्पत्ति का वर्णन शामिल है। पुस्तक में पच्चीस अध्याय हैं, जिनमें पुरोहिताई के कानून और नियम, नाम और उपाधियाँ, शिक्षार्थी, दीक्षा, भिक्षावृत्ति, आहार, निद्रा, तपस्विनों के वर्ग, पवित्र पुस्तकें, निर्वाण, साथ ही साथ भविष्य की संभावनाएँ शामिल हैं।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | हार्डी, आर. स्पेंस |
dc.date.accessioned | 2017-05-03T10:16:05Z 2018-06-07T03:10:59Z |
dc.date.available | 2017-05-03T10:16:05Z 2018-06-07T03:10:59Z |
dc.description | इस पुस्तक में, लेखक इस विचार को व्यक्त करते हैं कि गौतम की प्रणाली के रूप में बड़े पैमाने पर धर्म से संबंधित पुरोहिताई के कानून और नियम आवश्यक रूप से महान रुचि के विषय होने चाहिए। इस कृति में गौतम बुद्ध द्वारा स्थापित, नियमों, अनुशासन, पवित्र ग्रंथों, धार्मिक समारोहों और भिक्षावृत्ति की प्रथा, की उत्पत्ति का वर्णन शामिल है। पुस्तक में पच्चीस अध्याय हैं, जिनमें पुरोहिताई के कानून और नियम, नाम और उपाधियाँ, शिक्षार्थी, दीक्षा, भिक्षावृत्ति, आहार, निद्रा, तपस्विनों के वर्ग, पवित्र पुस्तकें, निर्वाण, साथ ही साथ भविष्य की संभावनाएँ शामिल हैं। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | ix, 443p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.subject | बौद्ध धर्म, बौद्ध धर्म के संस्थान, बौद्ध धर्म के नियम |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1850 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-000399 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | हार्डी, आर. स्पेंस |
dc.date.accessioned | 2017-05-03T10:16:05Z 2018-06-07T03:10:59Z |
dc.date.available | 2017-05-03T10:16:05Z 2018-06-07T03:10:59Z |
dc.description | इस पुस्तक में, लेखक इस विचार को व्यक्त करते हैं कि गौतम की प्रणाली के रूप में बड़े पैमाने पर धर्म से संबंधित पुरोहिताई के कानून और नियम आवश्यक रूप से महान रुचि के विषय होने चाहिए। इस कृति में गौतम बुद्ध द्वारा स्थापित, नियमों, अनुशासन, पवित्र ग्रंथों, धार्मिक समारोहों और भिक्षावृत्ति की प्रथा, की उत्पत्ति का वर्णन शामिल है। पुस्तक में पच्चीस अध्याय हैं, जिनमें पुरोहिताई के कानून और नियम, नाम और उपाधियाँ, शिक्षार्थी, दीक्षा, भिक्षावृत्ति, आहार, निद्रा, तपस्विनों के वर्ग, पवित्र पुस्तकें, निर्वाण, साथ ही साथ भविष्य की संभावनाएँ शामिल हैं। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | ix, 443p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.subject | बौद्ध धर्म, बौद्ध धर्म के संस्थान, बौद्ध धर्म के नियम |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1850 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-000399 |
dc.format.medium | text |