ईस्टर्न प्रॉवर्ब्स एंड एम्ब्लेम्स इलस्ट्रेटिंग ओल्ड
Author: लॉन्ग, जे.
Keywords: पूर्व का लोकोक्तियों का अध्ययन (पैरेमियॉलॉजी), पूर्व की लोकोक्तियाँ और प्रतीक
Publisher: ट्रबनर, लंदन
Description: जे लॉन्ग द्वारा लोकोक्तियों के अध्ययन (पैरेमियॉलॉजी) पर यह कृति पूर्व में प्रयोग की जा रही लोकोक्तियों की एक विस्तृत सूची प्रस्तुत करती है। पुस्तक में तीन भाग हैं। पहला भाग लोकोक्तियों और प्रतीकों से संबंधित है जो प्रमुख रूप से नैतिक है। दूसरे भाग में वे लोकोक्तियाँ और प्रतीक हैं जो नैतिक और धार्मिक हैं। भाग तीन धार्मिक प्रकृति की लोकोक्तियों से संबंधित है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | लॉन्ग, जे. |
dc.coverage.spatial | India |
dc.date.accessioned | 2018-07-24T12:00:18Z |
dc.date.available | 2018-07-24T12:00:18Z |
dc.description | जे लॉन्ग द्वारा लोकोक्तियों के अध्ययन (पैरेमियॉलॉजी) पर यह कृति पूर्व में प्रयोग की जा रही लोकोक्तियों की एक विस्तृत सूची प्रस्तुत करती है। पुस्तक में तीन भाग हैं। पहला भाग लोकोक्तियों और प्रतीकों से संबंधित है जो प्रमुख रूप से नैतिक है। दूसरे भाग में वे लोकोक्तियाँ और प्रतीक हैं जो नैतिक और धार्मिक हैं। भाग तीन धार्मिक प्रकृति की लोकोक्तियों से संबंधित है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xv, 280 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | ट्रबनर, लंदन |
dc.subject | पूर्व का लोकोक्तियों का अध्ययन (पैरेमियॉलॉजी), पूर्व की लोकोक्तियाँ और प्रतीक |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1881 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-001474 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | लॉन्ग, जे. |
dc.coverage.spatial | India |
dc.date.accessioned | 2018-07-24T12:00:18Z |
dc.date.available | 2018-07-24T12:00:18Z |
dc.description | जे लॉन्ग द्वारा लोकोक्तियों के अध्ययन (पैरेमियॉलॉजी) पर यह कृति पूर्व में प्रयोग की जा रही लोकोक्तियों की एक विस्तृत सूची प्रस्तुत करती है। पुस्तक में तीन भाग हैं। पहला भाग लोकोक्तियों और प्रतीकों से संबंधित है जो प्रमुख रूप से नैतिक है। दूसरे भाग में वे लोकोक्तियाँ और प्रतीक हैं जो नैतिक और धार्मिक हैं। भाग तीन धार्मिक प्रकृति की लोकोक्तियों से संबंधित है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xv, 280 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | ट्रबनर, लंदन |
dc.subject | पूर्व का लोकोक्तियों का अध्ययन (पैरेमियॉलॉजी), पूर्व की लोकोक्तियाँ और प्रतीक |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1881 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-001474 |
dc.format.medium | text |