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कलेक्टेड वर्क्स ऑफ़ सर आर.जी. भंडारकर वॉल-2.

Author: नारायण बापूजी उत्गीकर द्वारा संपादित

Editor: edited by Narayana Bapuji Utgika

Keywords: समाज सुधार, भारतीय विद्वान, आर.जी. भंडारकर, भंडारकर, संस्कृत पांडुलिपियाँ

Publisher: भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पूना

Description: यह पुस्तक श्रृंखला का दूसरा खंड है जो, विद्वान और समाज सुधारक सर आर.जी. भंडारकर की रचनाओं को प्रस्तुत करती है। इस विशेष खंड में 1882 और 1891 के बीच के वर्षों के दौरान संस्कृत पांडुलिपियों पर उनकी रिपोर्टें शामिल हैं। इसमें उनके सामाजिक और धार्मिक लेखन भी शामिल हैं जैसे कि भारत का सामाजिक इतिहास, भारत में जाति व्यवस्था, बाल विवाह का इतिहास, आस्तिकता का आधार, और सम्मेलनों में दिए गए अध्यक्षीय व्याख्यान। भौगोलिक नामों, पौराणिक शब्दों, आधुनिक विद्वानों, प्राचीन लेखकों, संस्कृत की कृतियों आदि के विभिन्न सूचकांक पुस्तक के अंत में दिए गए हैं।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author नारायण बापूजी उत्गीकर द्वारा संपादित
dc.contributor.editor edited by Narayana Bapuji Utgika
dc.date.accessioned 2019-03-01T17:00:24Z
dc.date.available 2019-03-01T17:00:24Z
dc.description यह पुस्तक श्रृंखला का दूसरा खंड है जो, विद्वान और समाज सुधारक सर आर.जी. भंडारकर की रचनाओं को प्रस्तुत करती है। इस विशेष खंड में 1882 और 1891 के बीच के वर्षों के दौरान संस्कृत पांडुलिपियों पर उनकी रिपोर्टें शामिल हैं। इसमें उनके सामाजिक और धार्मिक लेखन भी शामिल हैं जैसे कि भारत का सामाजिक इतिहास, भारत में जाति व्यवस्था, बाल विवाह का इतिहास, आस्तिकता का आधार, और सम्मेलनों में दिए गए अध्यक्षीय व्याख्यान। भौगोलिक नामों, पौराणिक शब्दों, आधुनिक विद्वानों, प्राचीन लेखकों, संस्कृत की कृतियों आदि के विभिन्न सूचकांक पुस्तक के अंत में दिए गए हैं।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 724p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पूना
dc.subject समाज सुधार, भारतीय विद्वान, आर.जी. भंडारकर, भंडारकर, संस्कृत पांडुलिपियाँ
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.identifier.other B Bha-C
dc.date.copyright 1928
dc.identifier.accessionnumber AS003406
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author नारायण बापूजी उत्गीकर द्वारा संपादित
dc.contributor.editor edited by Narayana Bapuji Utgika
dc.date.accessioned 2019-03-01T17:00:24Z
dc.date.available 2019-03-01T17:00:24Z
dc.description यह पुस्तक श्रृंखला का दूसरा खंड है जो, विद्वान और समाज सुधारक सर आर.जी. भंडारकर की रचनाओं को प्रस्तुत करती है। इस विशेष खंड में 1882 और 1891 के बीच के वर्षों के दौरान संस्कृत पांडुलिपियों पर उनकी रिपोर्टें शामिल हैं। इसमें उनके सामाजिक और धार्मिक लेखन भी शामिल हैं जैसे कि भारत का सामाजिक इतिहास, भारत में जाति व्यवस्था, बाल विवाह का इतिहास, आस्तिकता का आधार, और सम्मेलनों में दिए गए अध्यक्षीय व्याख्यान। भौगोलिक नामों, पौराणिक शब्दों, आधुनिक विद्वानों, प्राचीन लेखकों, संस्कृत की कृतियों आदि के विभिन्न सूचकांक पुस्तक के अंत में दिए गए हैं।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 724p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, पूना
dc.subject समाज सुधार, भारतीय विद्वान, आर.जी. भंडारकर, भंडारकर, संस्कृत पांडुलिपियाँ
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1928
dc.identifier.accessionnumber AS003406
dc.identifier.other B Bha-C
dc.format.medium text