कल्ट्स, कस्टम्स एंड सुपर्स्टिशंस ऑफ़ इंडिया
Author: ओमान, जॉन कैंपबेल
Keywords: भारतीय लोग, मान्यताएँ और प्रथाएँ, अंधविश्वास, भारतीय धर्म, जॉन कैंपबेल ओमान
Publisher: टी. फ़िशर अनविन, लंदन
Description: यह मुख्य रूप से लेखक के व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित एक रोचक कृति है। इसे चार भागों में विभाजित किया गया है, जैसे कि 'धार्मिक', 'सामाजिक', 'घरेलू' और 'अंधविश्वास'। इसमें बौद्ध धर्म के उद्भव, सूफ़ीवाद के विचारों, सिख धर्म के सिद्धांत, हिंदू मान्यताओं और रीति-रिवाजों, आदि, की चर्चा है। पुस्तक में आर्य समाज और इस तरह के अन्य ’सुधार आंदोलनों’ के संदर्भ हैं। इसके अलावा, इसमें ऐसे अन्य विषयों, जो लेखक के अनुसार आम भारतीय लोगों के जीवन को दर्शाते हैं, जैसे बाज़ारों, मेलों, जादू टोनों और भविष्यवक्ताओं के विवरण भी शामिल हैं।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | ओमान, जॉन कैंपबेल |
dc.date.accessioned | 2019-03-01T15:52:35Z |
dc.date.available | 2019-03-01T15:52:35Z |
dc.description | यह मुख्य रूप से लेखक के व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित एक रोचक कृति है। इसे चार भागों में विभाजित किया गया है, जैसे कि 'धार्मिक', 'सामाजिक', 'घरेलू' और 'अंधविश्वास'। इसमें बौद्ध धर्म के उद्भव, सूफ़ीवाद के विचारों, सिख धर्म के सिद्धांत, हिंदू मान्यताओं और रीति-रिवाजों, आदि, की चर्चा है। पुस्तक में आर्य समाज और इस तरह के अन्य ’सुधार आंदोलनों’ के संदर्भ हैं। इसके अलावा, इसमें ऐसे अन्य विषयों, जो लेखक के अनुसार आम भारतीय लोगों के जीवन को दर्शाते हैं, जैसे बाज़ारों, मेलों, जादू टोनों और भविष्यवक्ताओं के विवरण भी शामिल हैं। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xxii, 336 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | टी. फ़िशर अनविन, लंदन |
dc.subject | भारतीय लोग, मान्यताएँ और प्रथाएँ, अंधविश्वास, भारतीय धर्म, जॉन कैंपबेल ओमान |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1908 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-001453 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | ओमान, जॉन कैंपबेल |
dc.date.accessioned | 2019-03-01T15:52:35Z |
dc.date.available | 2019-03-01T15:52:35Z |
dc.description | यह मुख्य रूप से लेखक के व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित एक रोचक कृति है। इसे चार भागों में विभाजित किया गया है, जैसे कि 'धार्मिक', 'सामाजिक', 'घरेलू' और 'अंधविश्वास'। इसमें बौद्ध धर्म के उद्भव, सूफ़ीवाद के विचारों, सिख धर्म के सिद्धांत, हिंदू मान्यताओं और रीति-रिवाजों, आदि, की चर्चा है। पुस्तक में आर्य समाज और इस तरह के अन्य ’सुधार आंदोलनों’ के संदर्भ हैं। इसके अलावा, इसमें ऐसे अन्य विषयों, जो लेखक के अनुसार आम भारतीय लोगों के जीवन को दर्शाते हैं, जैसे बाज़ारों, मेलों, जादू टोनों और भविष्यवक्ताओं के विवरण भी शामिल हैं। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xxii, 336 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | टी. फ़िशर अनविन, लंदन |
dc.subject | भारतीय लोग, मान्यताएँ और प्रथाएँ, अंधविश्वास, भारतीय धर्म, जॉन कैंपबेल ओमान |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1908 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-001453 |
dc.format.medium | text |