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अ कंपैरेटिव डिक्शनरी ऑफ़ द बिहारी लैंग्वेज, पार्ट I

Keywords: बिहारी, भाषा, अंग्रेज़ी, शब्दकोश, बिहार, बोलियाँ, क्षेत्रीय भाषाएँ, व्याकरण, औपनिवेशिक शिक्षा, औपनिवेशिक भाषा

Publisher: बंगाल सचिवालय प्रेस, कलकत्ता

Description: इस पुस्तक की बिहारी भाषा के सर्व प्रथम शब्दकोश होने के कारण प्रसिद्धि है। इसे बंगाल की तत्कालीन सरकार के संरक्षण में ए.एफ़. रुडोल्फ़ होर्नेल और जॉर्ज ए ग्रियर्सन, क्रमशः बंगाल शिक्षा और नागरिक सेवा के सदस्यों, द्वारा संकलित किया गया था। इसकी प्रस्तावना बिहारी भाषा के व्याकरण जैसे कि विशेषणों के उपयोग, उसके स्त्रीलिंग और पुल्लिंग लिंग भेद, संज्ञा, उपपद, 'तत्सम' और 'तद्भव' के अर्थ और उपयोगिता आदि की व्याख्या करके संदर्भ देती है। पुस्तक के अगले हिस्से में अंग्रेज़ी भाषा में अर्थों के साथ बहुत से बिहारी शब्द हैं। इस खंड में वर्णमाला क्रम में A से लेकर अग्नमनी तक के शब्द हैं।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.date.accessioned 2019-02-23T15:46:00Z
dc.date.available 2019-02-23T15:46:00Z
dc.description इस पुस्तक की बिहारी भाषा के सर्व प्रथम शब्दकोश होने के कारण प्रसिद्धि है। इसे बंगाल की तत्कालीन सरकार के संरक्षण में ए.एफ़. रुडोल्फ़ होर्नेल और जॉर्ज ए ग्रियर्सन, क्रमशः बंगाल शिक्षा और नागरिक सेवा के सदस्यों, द्वारा संकलित किया गया था। इसकी प्रस्तावना बिहारी भाषा के व्याकरण जैसे कि विशेषणों के उपयोग, उसके स्त्रीलिंग और पुल्लिंग लिंग भेद, संज्ञा, उपपद, 'तत्सम' और 'तद्भव' के अर्थ और उपयोगिता आदि की व्याख्या करके संदर्भ देती है। पुस्तक के अगले हिस्से में अंग्रेज़ी भाषा में अर्थों के साथ बहुत से बिहारी शब्द हैं। इस खंड में वर्णमाला क्रम में A से लेकर अग्नमनी तक के शब्द हैं।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent various Pages
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher बंगाल सचिवालय प्रेस, कलकत्ता
dc.subject बिहारी, भाषा, अंग्रेज़ी, शब्दकोश, बिहार, बोलियाँ, क्षेत्रीय भाषाएँ, व्याकरण, औपनिवेशिक शिक्षा, औपनिवेशिक भाषा
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1885
dc.identifier.accessionnumber AS-004686
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.date.accessioned 2019-02-23T15:46:00Z
dc.date.available 2019-02-23T15:46:00Z
dc.description इस पुस्तक की बिहारी भाषा के सर्व प्रथम शब्दकोश होने के कारण प्रसिद्धि है। इसे बंगाल की तत्कालीन सरकार के संरक्षण में ए.एफ़. रुडोल्फ़ होर्नेल और जॉर्ज ए ग्रियर्सन, क्रमशः बंगाल शिक्षा और नागरिक सेवा के सदस्यों, द्वारा संकलित किया गया था। इसकी प्रस्तावना बिहारी भाषा के व्याकरण जैसे कि विशेषणों के उपयोग, उसके स्त्रीलिंग और पुल्लिंग लिंग भेद, संज्ञा, उपपद, 'तत्सम' और 'तद्भव' के अर्थ और उपयोगिता आदि की व्याख्या करके संदर्भ देती है। पुस्तक के अगले हिस्से में अंग्रेज़ी भाषा में अर्थों के साथ बहुत से बिहारी शब्द हैं। इस खंड में वर्णमाला क्रम में A से लेकर अग्नमनी तक के शब्द हैं।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent various Pages
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher बंगाल सचिवालय प्रेस, कलकत्ता
dc.subject बिहारी, भाषा, अंग्रेज़ी, शब्दकोश, बिहार, बोलियाँ, क्षेत्रीय भाषाएँ, व्याकरण, औपनिवेशिक शिक्षा, औपनिवेशिक भाषा
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1885
dc.identifier.accessionnumber AS-004686
dc.format.medium text