कॉम्प्रिहेंसिव हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया: सिविल, मिलिट्री एंड सोशल
Author: ई.जे. रैपसन
Keywords: हिंदु, दीवानी, नियंत्रण मंडल, कंपनी का राज्य
Publisher: द केंब्रिज हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया, केंब्रिज
Description: ई. जे. रैपसन द्वारा लिखित ‘कॉम्प्रिहेंसिव हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया: सिविल, मिलिट्री एंड सोशल’, हिंदुओं के संस्थानों, साहित्य, कलाओं और रीति-रिवाजों; बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी के अनुदान; 1784 में नियंत्रण मंडल की स्थापना; कंपनी के व्यापार के पूर्ण विलोपन के विवरण को सम्मिलित करती है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | ई.जे. रैपसन |
dc.date.accessioned | 2018-08-03T12:15:18Z |
dc.date.available | 2018-08-03T12:15:18Z |
dc.description | ई. जे. रैपसन द्वारा लिखित ‘कॉम्प्रिहेंसिव हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया: सिविल, मिलिट्री एंड सोशल’, हिंदुओं के संस्थानों, साहित्य, कलाओं और रीति-रिवाजों; बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी के अनुदान; 1784 में नियंत्रण मंडल की स्थापना; कंपनी के व्यापार के पूर्ण विलोपन के विवरण को सम्मिलित करती है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | vol.2text |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | द केंब्रिज हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया, केंब्रिज |
dc.subject | हिंदु, दीवानी, नियंत्रण मंडल, कंपनी का राज्य |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1872 |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | ई.जे. रैपसन |
dc.date.accessioned | 2018-08-03T12:15:18Z |
dc.date.available | 2018-08-03T12:15:18Z |
dc.description | ई. जे. रैपसन द्वारा लिखित ‘कॉम्प्रिहेंसिव हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया: सिविल, मिलिट्री एंड सोशल’, हिंदुओं के संस्थानों, साहित्य, कलाओं और रीति-रिवाजों; बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी के अनुदान; 1784 में नियंत्रण मंडल की स्थापना; कंपनी के व्यापार के पूर्ण विलोपन के विवरण को सम्मिलित करती है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | vol.2text |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | द केंब्रिज हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया, केंब्रिज |
dc.subject | हिंदु, दीवानी, नियंत्रण मंडल, कंपनी का राज्य |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1872 |