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अ कॉम्प्रिहेंसिव कॉमेंट्री ऑन द क़ुरान: कम्प्राइज़िंग सेल्स ट्रांसलेशन एंड प्रिलिम्नरी डिस्कोर्स, विद एडिशनल नोट्स एंड एमेंडेशंस: टुगेदर विद अ कंप्लीट इंडेक्स टू द टेक्स्ट, प्रीलिमनरी डिस्कोर्स, एंड नोट्स

Author: व्हेरी, ई.एम.

Keywords: इस्लाम, कॉमेंट्री, कुरान, क़ुरान, मुसलमान, धर्म, पवित्र पुस्तकें, धर्मग्रंथ

Publisher: ट्रबनर, लंदन

Description: इस पुस्तक के प्रकाशकों का मानना ​​था कि उस समय पूर्वी भाषा, साहित्य और इतिहास का ज्ञान आवश्यक था और उस समय तक इन भाषाओं और साहित्य की समझ में की गयी सभी बढ़ोतरियाँ केवल महंगी पुस्तकों और वैज्ञानिक पत्रिकाओं में ही दी जाती थीं जो जनता की पहुँच से बाहर थीं। इस प्रकार उन्होंने इसे विशाल जनसमूह के लिए उपलब्ध कराने की आवश्यकता महसूस की। यह विशिष्ट पुस्तक क़ुरान पर एक अध्याय-वार टिप्पणी प्रदान करती है और अतिरिक्त टिप्पणीयाँ और संशोधन विषय वस्तु को पूरकता प्रदान करते हैं।

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author व्हेरी, ई.एम.
dc.date.accessioned 2019-02-21T13:19:02Z
dc.date.available 2019-02-21T13:19:02Z
dc.description इस पुस्तक के प्रकाशकों का मानना ​​था कि उस समय पूर्वी भाषा, साहित्य और इतिहास का ज्ञान आवश्यक था और उस समय तक इन भाषाओं और साहित्य की समझ में की गयी सभी बढ़ोतरियाँ केवल महंगी पुस्तकों और वैज्ञानिक पत्रिकाओं में ही दी जाती थीं जो जनता की पहुँच से बाहर थीं। इस प्रकार उन्होंने इसे विशाल जनसमूह के लिए उपलब्ध कराने की आवश्यकता महसूस की। यह विशिष्ट पुस्तक क़ुरान पर एक अध्याय-वार टिप्पणी प्रदान करती है और अतिरिक्त टिप्पणीयाँ और संशोधन विषय वस्तु को पूरकता प्रदान करते हैं।
dc.format.extent viii, 414 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher ट्रबनर, लंदन
dc.subject इस्लाम, कॉमेंट्री, कुरान, क़ुरान, मुसलमान, धर्म, पवित्र पुस्तकें, धर्मग्रंथ
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1885
dc.identifier.accessionnumber AS-056517
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author व्हेरी, ई.एम.
dc.date.accessioned 2019-02-21T13:19:02Z
dc.date.available 2019-02-21T13:19:02Z
dc.description इस पुस्तक के प्रकाशकों का मानना ​​था कि उस समय पूर्वी भाषा, साहित्य और इतिहास का ज्ञान आवश्यक था और उस समय तक इन भाषाओं और साहित्य की समझ में की गयी सभी बढ़ोतरियाँ केवल महंगी पुस्तकों और वैज्ञानिक पत्रिकाओं में ही दी जाती थीं जो जनता की पहुँच से बाहर थीं। इस प्रकार उन्होंने इसे विशाल जनसमूह के लिए उपलब्ध कराने की आवश्यकता महसूस की। यह विशिष्ट पुस्तक क़ुरान पर एक अध्याय-वार टिप्पणी प्रदान करती है और अतिरिक्त टिप्पणीयाँ और संशोधन विषय वस्तु को पूरकता प्रदान करते हैं।
dc.format.extent viii, 414 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher ट्रबनर, लंदन
dc.subject इस्लाम, कॉमेंट्री, कुरान, क़ुरान, मुसलमान, धर्म, पवित्र पुस्तकें, धर्मग्रंथ
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1885
dc.identifier.accessionnumber AS-056517
dc.format.medium text