अ कॉम्प्रिहेंसिव कॉमेंट्री ऑन द क़ुरान: कम्प्राईज़िंग सेल्स ट्रांसलेशन एंड प्रिलिम्नरी डिस्कोर्स
Author: ई.एम. व्हेरी
Keywords: इस्लाम, कॉमेंट्री, कुरान, क़ुरान, मुसलमान,धर्म, पवित्र पुस्तकें, धर्मग्रंथ
Issue Date: 1885
Publisher: लंदन, ट्रबनर एंड को.
Description: यह पुस्तक ट्रबनर की प्राच्य (ओरिएंटल) श्रृंखला का एक हिस्सा है। पुस्तक को प्रकाशित करते समय, इसके प्रकाशकों का मानना था कि उस समय पूर्वी भाषा, साहित्य और इतिहास का ज्ञान आवश्यक था और उस समय तक इन भाषाओं और साहित्य की समझ में की गयी सभी बढ़ोतरियाँ केवल महंगी पुस्तकों और वैज्ञानिक पत्रिकाओं में ही दी गयी थीं जो जनता की पहुँच से बाहर थीं। इस प्रकार उन्होंने इसे विशाल जनसमूह के लिए उपलब्ध कराने की आवश्यकता महसूस की। श्रृंखला की यह विशिष्ट पुस्तक क़ुरान पर एक अध्याय-वार टिप्पणी प्रदान करती है और अतिरिक्त टिप्पणीयाँ और संशोधन विषय वस्तु को पूरकता प्रदान करते हैं।
Type: तकनीकी रिपोर्ट
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | ई.एम. व्हेरी |
dc.date.accessioned | 2006-11-15T08:47:04Z 2018-05-31T01:06:45Z |
dc.date.available | 2006-11-15T08:47:04Z 2018-05-31T01:06:45Z |
dc.description | यह पुस्तक ट्रबनर की प्राच्य (ओरिएंटल) श्रृंखला का एक हिस्सा है। पुस्तक को प्रकाशित करते समय, इसके प्रकाशकों का मानना था कि उस समय पूर्वी भाषा, साहित्य और इतिहास का ज्ञान आवश्यक था और उस समय तक इन भाषाओं और साहित्य की समझ में की गयी सभी बढ़ोतरियाँ केवल महंगी पुस्तकों और वैज्ञानिक पत्रिकाओं में ही दी गयी थीं जो जनता की पहुँच से बाहर थीं। इस प्रकार उन्होंने इसे विशाल जनसमूह के लिए उपलब्ध कराने की आवश्यकता महसूस की। श्रृंखला की यह विशिष्ट पुस्तक क़ुरान पर एक अध्याय-वार टिप्पणी प्रदान करती है और अतिरिक्त टिप्पणीयाँ और संशोधन विषय वस्तु को पूरकता प्रदान करते हैं। |
dc.date.issued | 1885 |
dc.description.sponsorship | Delhi Superintendent Government of India |
dc.format.extent | 19486427 bytes1832 bytes |
dc.format.mimetype | application/pdfapplication/pdftext/plain |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | लंदन, ट्रबनर एंड को. |
dc.relation.ispartofseries | 297 WHE-C |
dc.subject | इस्लाम, कॉमेंट्री, कुरान, क़ुरान, मुसलमान,धर्म, पवित्र पुस्तकें, धर्मग्रंथ |
dc.type | तकनीकी रिपोर्ट |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | ई.एम. व्हेरी |
dc.date.accessioned | 2006-11-15T08:47:04Z 2018-05-31T01:06:45Z |
dc.date.available | 2006-11-15T08:47:04Z 2018-05-31T01:06:45Z |
dc.description | यह पुस्तक ट्रबनर की प्राच्य (ओरिएंटल) श्रृंखला का एक हिस्सा है। पुस्तक को प्रकाशित करते समय, इसके प्रकाशकों का मानना था कि उस समय पूर्वी भाषा, साहित्य और इतिहास का ज्ञान आवश्यक था और उस समय तक इन भाषाओं और साहित्य की समझ में की गयी सभी बढ़ोतरियाँ केवल महंगी पुस्तकों और वैज्ञानिक पत्रिकाओं में ही दी गयी थीं जो जनता की पहुँच से बाहर थीं। इस प्रकार उन्होंने इसे विशाल जनसमूह के लिए उपलब्ध कराने की आवश्यकता महसूस की। श्रृंखला की यह विशिष्ट पुस्तक क़ुरान पर एक अध्याय-वार टिप्पणी प्रदान करती है और अतिरिक्त टिप्पणीयाँ और संशोधन विषय वस्तु को पूरकता प्रदान करते हैं। |
dc.date.issued | 1885 |
dc.description.sponsorship | Delhi Superintendent Government of India |
dc.format.extent | 19486427 bytes1832 bytes |
dc.format.mimetype | application/pdfapplication/pdftext/plain |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | लंदन, ट्रबनर एंड को. |
dc.relation.ispartofseries | 297 WHE-C |
dc.subject | इस्लाम, कॉमेंट्री, कुरान, क़ुरान, मुसलमान,धर्म, पवित्र पुस्तकें, धर्मग्रंथ |
dc.type | तकनीकी रिपोर्ट |