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कॉन्स्टेबल्स ओरिएंटल मिसलेनी ऑफ़ ओरिजिनल सेलेक्टेड पब्लिकेशंस (वॉल. IV): लेटर्स फ़्रॉम अ मराठा कैम्प ड्यूरिंग द ईयर 1809

Keywords: पत्र, इतिहास, मराठा शिविर, मराठे, विवरण और यात्रा

Publisher: आर्चीबॉल्ड कॉन्स्टेबल, वेस्टमिंस्टर

Description: थॉमस डुएर ब्रॉउटन द्वारा लिखित ‘लेटर्स रिटेन इन अ मराठा कैम्प ड्यूरिंग द ईयर 1809’ मराठों के चरित्र, तौर तरीकों, घरेलू आदतों और धार्मिक समारोहों का वर्णन है। यह कृति लेखक के भाई को लिखे गए पत्रों की श्रृंखला है, जिससे प्रतीत होता है कि लेखक को उसके भाई ने यह दर्शाने की कोशिश की थी कि असाय की विजय वाले युध्द के बाद इंग्लैंड में मराठों के प्रति बहुत अधिक रुचि जागृत हुई थी, और इसीलिए रेज़ीडेंट के रक्षक के सेनाध्यक्ष जनता की प्राकृतिक जिज्ञासा को शांत करने की स्थिति में थे।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.date.accessioned 2019-02-18T12:16:22Z
dc.date.available 2019-02-18T12:16:22Z
dc.description थॉमस डुएर ब्रॉउटन द्वारा लिखित ‘लेटर्स रिटेन इन अ मराठा कैम्प ड्यूरिंग द ईयर 1809’ मराठों के चरित्र, तौर तरीकों, घरेलू आदतों और धार्मिक समारोहों का वर्णन है। यह कृति लेखक के भाई को लिखे गए पत्रों की श्रृंखला है, जिससे प्रतीत होता है कि लेखक को उसके भाई ने यह दर्शाने की कोशिश की थी कि असाय की विजय वाले युध्द के बाद इंग्लैंड में मराठों के प्रति बहुत अधिक रुचि जागृत हुई थी, और इसीलिए रेज़ीडेंट के रक्षक के सेनाध्यक्ष जनता की प्राकृतिक जिज्ञासा को शांत करने की स्थिति में थे।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent xxxi, 273 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher आर्चीबॉल्ड कॉन्स्टेबल, वेस्टमिंस्टर
dc.subject पत्र, इतिहास, मराठा शिविर, मराठे, विवरण और यात्रा
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1892
dc.identifier.accessionnumber AS-002839
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.date.accessioned 2019-02-18T12:16:22Z
dc.date.available 2019-02-18T12:16:22Z
dc.description थॉमस डुएर ब्रॉउटन द्वारा लिखित ‘लेटर्स रिटेन इन अ मराठा कैम्प ड्यूरिंग द ईयर 1809’ मराठों के चरित्र, तौर तरीकों, घरेलू आदतों और धार्मिक समारोहों का वर्णन है। यह कृति लेखक के भाई को लिखे गए पत्रों की श्रृंखला है, जिससे प्रतीत होता है कि लेखक को उसके भाई ने यह दर्शाने की कोशिश की थी कि असाय की विजय वाले युध्द के बाद इंग्लैंड में मराठों के प्रति बहुत अधिक रुचि जागृत हुई थी, और इसीलिए रेज़ीडेंट के रक्षक के सेनाध्यक्ष जनता की प्राकृतिक जिज्ञासा को शांत करने की स्थिति में थे।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent xxxi, 273 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher आर्चीबॉल्ड कॉन्स्टेबल, वेस्टमिंस्टर
dc.subject पत्र, इतिहास, मराठा शिविर, मराठे, विवरण और यात्रा
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1892
dc.identifier.accessionnumber AS-002839
dc.format.medium text