कॉटन हैंडबुक फ़ॉर बंगालबीइंग अ डाइजेस्ट ऑफ़ ऑल इंफ़ॉर्मेशन अवेलेबल फ़्रॉम ऑफ़िशल रिकॉर्ड्स एंड अदर सोर्सेस ऑन द सब्जेक्ट ऑफ़ द प्रोडक्शन ऑफ़ कॉटन इन द बंगाल प्रॉविंसेस
Keywords: कपास कृषि, बंगाल, प्रायोगिक कपास कृषि, भारत में ब्रिटिश, कपास व्यापार, जे.जी. मेडलीकॉट
Publisher: बंगाल मुद्रण कंपनी, कलकत्ता
Description: पुस्तक उन्नीसवीं शताब्दी में भारत में कपास के व्यापार की स्थिति, उसके विकास में रुकावटों, और भावी संभावनाओं की परिचर्चा के साथ शुरू होती है। यह बंगाल के विभिन्न प्रांतों के भौतिक भूगोल और वहाँ की कपास कृषि की क्षमता का विवरण सम्मिलित करती है। लेखक विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोगात्मक रूप से की गई कपास की कृषि के वर्णनों, और कृषि की प्रक्रिया को भी सम्मिलित करता है। इसके अतिरिक्त, पुस्तक में संदर्भित विभिन्न प्रकार की कपास की सूची के साथ कई तालिकाएँ भी हैं।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributr.compiler | Compiled by J.G.Medlicott |
dc.date.accessioned | 2019-02-19T12:28:15Z |
dc.date.available | 2019-02-19T12:28:15Z |
dc.description | पुस्तक उन्नीसवीं शताब्दी में भारत में कपास के व्यापार की स्थिति, उसके विकास में रुकावटों, और भावी संभावनाओं की परिचर्चा के साथ शुरू होती है। यह बंगाल के विभिन्न प्रांतों के भौतिक भूगोल और वहाँ की कपास कृषि की क्षमता का विवरण सम्मिलित करती है। लेखक विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोगात्मक रूप से की गई कपास की कृषि के वर्णनों, और कृषि की प्रक्रिया को भी सम्मिलित करता है। इसके अतिरिक्त, पुस्तक में संदर्भित विभिन्न प्रकार की कपास की सूची के साथ कई तालिकाएँ भी हैं। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xi, 484 p |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | बंगाल मुद्रण कंपनी, कलकत्ता |
dc.subject | कपास कृषि, बंगाल, प्रायोगिक कपास कृषि, भारत में ब्रिटिश, कपास व्यापार, जे.जी. मेडलीकॉट |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1862 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-004560 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributr.compiler | Compiled by J.G.Medlicott |
dc.date.accessioned | 2019-02-19T12:28:15Z |
dc.date.available | 2019-02-19T12:28:15Z |
dc.description | पुस्तक उन्नीसवीं शताब्दी में भारत में कपास के व्यापार की स्थिति, उसके विकास में रुकावटों, और भावी संभावनाओं की परिचर्चा के साथ शुरू होती है। यह बंगाल के विभिन्न प्रांतों के भौतिक भूगोल और वहाँ की कपास कृषि की क्षमता का विवरण सम्मिलित करती है। लेखक विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोगात्मक रूप से की गई कपास की कृषि के वर्णनों, और कृषि की प्रक्रिया को भी सम्मिलित करता है। इसके अतिरिक्त, पुस्तक में संदर्भित विभिन्न प्रकार की कपास की सूची के साथ कई तालिकाएँ भी हैं। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xi, 484 p |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | बंगाल मुद्रण कंपनी, कलकत्ता |
dc.subject | कपास कृषि, बंगाल, प्रायोगिक कपास कृषि, भारत में ब्रिटिश, कपास व्यापार, जे.जी. मेडलीकॉट |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1862 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-004560 |
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