क्राइम इन इंडिया विद एन इंट्रोडक्शन ऑन फॉरेंसिक डिफ़िकल्टीज़ एंड पिक्युलीयेरिटीज़
Author: के.सी., सेसिल वॉल्श
Keywords: अपराध, अपराधिता, भारतीय, कृषक, ब्रिटिश, सेसिल वॉल्श
Publisher: अर्नेस्ट बेन, लंदन
Description: लेखक का इस पुस्तक में उद्देश्य भारतीय कृषकों की कपटता, धूर्तता’ और उनमें ‘नैतिकता की कमी’ की छवि को प्रस्तुत करना है। उनका मानना है कि इंग्लैंड के वासियों को पुस्तक में संदर्भित लोगों के बारे में बहुत अल्प जानकारी है। यह भारतीय लोगों पर एक अंग्रेज़ का आलोचनात्मक अवलोकन है, जिन्हें यहाँ ‘अकेले में कानून का पालन करने वाला, लेकिन समूह में खतरनाक’ के रूप में चित्रित किया गया है। पुस्तक को एक भूमिका और बारह अध्यायों के साथ तीन भागों में विभाजित किया गया है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | के.सी., सेसिल वॉल्श |
dc.date.accessioned | 2019-02-25T12:27:39Z |
dc.date.available | 2019-02-25T12:27:39Z |
dc.description | लेखक का इस पुस्तक में उद्देश्य भारतीय कृषकों की कपटता, धूर्तता’ और उनमें ‘नैतिकता की कमी’ की छवि को प्रस्तुत करना है। उनका मानना है कि इंग्लैंड के वासियों को पुस्तक में संदर्भित लोगों के बारे में बहुत अल्प जानकारी है। यह भारतीय लोगों पर एक अंग्रेज़ का आलोचनात्मक अवलोकन है, जिन्हें यहाँ ‘अकेले में कानून का पालन करने वाला, लेकिन समूह में खतरनाक’ के रूप में चित्रित किया गया है। पुस्तक को एक भूमिका और बारह अध्यायों के साथ तीन भागों में विभाजित किया गया है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | 287p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | अर्नेस्ट बेन, लंदन |
dc.subject | अपराध, अपराधिता, भारतीय, कृषक, ब्रिटिश, सेसिल वॉल्श |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1930 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-001313 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | के.सी., सेसिल वॉल्श |
dc.date.accessioned | 2019-02-25T12:27:39Z |
dc.date.available | 2019-02-25T12:27:39Z |
dc.description | लेखक का इस पुस्तक में उद्देश्य भारतीय कृषकों की कपटता, धूर्तता’ और उनमें ‘नैतिकता की कमी’ की छवि को प्रस्तुत करना है। उनका मानना है कि इंग्लैंड के वासियों को पुस्तक में संदर्भित लोगों के बारे में बहुत अल्प जानकारी है। यह भारतीय लोगों पर एक अंग्रेज़ का आलोचनात्मक अवलोकन है, जिन्हें यहाँ ‘अकेले में कानून का पालन करने वाला, लेकिन समूह में खतरनाक’ के रूप में चित्रित किया गया है। पुस्तक को एक भूमिका और बारह अध्यायों के साथ तीन भागों में विभाजित किया गया है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | 287p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | अर्नेस्ट बेन, लंदन |
dc.subject | अपराध, अपराधिता, भारतीय, कृषक, ब्रिटिश, सेसिल वॉल्श |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1930 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-001313 |
dc.format.medium | text |