अ क्रिटिकल अकाउंट ऑफ़ द फ़िलोसॉफ़ी ऑफ़ लोत्ज़े: द डॉक्ट्रिन ऑफ़ थॉट
Author: जोंस, हेनरी
Keywords: दर्शनशास्त्र, जर्मन दर्शन, विचार के सिद्धांत, हरमन लोत्ज़े, दार्शनिक
Publisher: जेम्स मैक्लेहोस
Description: इस पुस्तक में, हेनरी जोंस ने विचार की प्रकृति पर जर्मन दार्शनिक हरमन लोत्ज़े के अर्थ प्रतिपादन का एक समीक्षात्मक विवरण प्रस्तुत करना चाहा है। इस पुस्तक की प्रस्तावना लोत्ज़े के इस दर्शन का विश्लेषण करती है। इसके बाद, पुस्तक में प्रस्तुत अध्याय, लोत्ज़े के दर्शन की मुख्य समस्या की पहचान करने की ओर अग्रसर होते हैं। अन्य अध्याय, ‘विचार और अनुभव की प्रारंभिक प्रक्रिया’, ‘निर्णय के सिद्धांत’, और ‘लोत्ज़े के अनुमान के सिद्धांत’ के बारे में चर्चा करते हैं। इसके बाद उनके 'अंतर्भावित अनुमान से सुनियोजित अनुमान की ओर आरोहण', 'विचारों की व्यक्तिपरक दुनिया', 'विचार की प्रक्रिया' तथा 'विचार और उसकी प्रक्रियाओं में वास्तविकता के सिद्धांत' का परिक्षण किया जाता है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | जोंस, हेनरी |
dc.date.accessioned | 2018-07-17T06:37:17Z |
dc.date.available | 2018-07-17T06:37:17Z |
dc.description | इस पुस्तक में, हेनरी जोंस ने विचार की प्रकृति पर जर्मन दार्शनिक हरमन लोत्ज़े के अर्थ प्रतिपादन का एक समीक्षात्मक विवरण प्रस्तुत करना चाहा है। इस पुस्तक की प्रस्तावना लोत्ज़े के इस दर्शन का विश्लेषण करती है। इसके बाद, पुस्तक में प्रस्तुत अध्याय, लोत्ज़े के दर्शन की मुख्य समस्या की पहचान करने की ओर अग्रसर होते हैं। अन्य अध्याय, ‘विचार और अनुभव की प्रारंभिक प्रक्रिया’, ‘निर्णय के सिद्धांत’, और ‘लोत्ज़े के अनुमान के सिद्धांत’ के बारे में चर्चा करते हैं। इसके बाद उनके 'अंतर्भावित अनुमान से सुनियोजित अनुमान की ओर आरोहण', 'विचारों की व्यक्तिपरक दुनिया', 'विचार की प्रक्रिया' तथा 'विचार और उसकी प्रक्रियाओं में वास्तविकता के सिद्धांत' का परिक्षण किया जाता है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xvi, 375 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | जेम्स मैक्लेहोस |
dc.subject | दर्शनशास्त्र, जर्मन दर्शन, विचार के सिद्धांत, हरमन लोत्ज़े, दार्शनिक |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1895 |
dc.identifier.accessionnumber | Y-001884 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | जोंस, हेनरी |
dc.date.accessioned | 2018-07-17T06:37:17Z |
dc.date.available | 2018-07-17T06:37:17Z |
dc.description | इस पुस्तक में, हेनरी जोंस ने विचार की प्रकृति पर जर्मन दार्शनिक हरमन लोत्ज़े के अर्थ प्रतिपादन का एक समीक्षात्मक विवरण प्रस्तुत करना चाहा है। इस पुस्तक की प्रस्तावना लोत्ज़े के इस दर्शन का विश्लेषण करती है। इसके बाद, पुस्तक में प्रस्तुत अध्याय, लोत्ज़े के दर्शन की मुख्य समस्या की पहचान करने की ओर अग्रसर होते हैं। अन्य अध्याय, ‘विचार और अनुभव की प्रारंभिक प्रक्रिया’, ‘निर्णय के सिद्धांत’, और ‘लोत्ज़े के अनुमान के सिद्धांत’ के बारे में चर्चा करते हैं। इसके बाद उनके 'अंतर्भावित अनुमान से सुनियोजित अनुमान की ओर आरोहण', 'विचारों की व्यक्तिपरक दुनिया', 'विचार की प्रक्रिया' तथा 'विचार और उसकी प्रक्रियाओं में वास्तविकता के सिद्धांत' का परिक्षण किया जाता है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xvi, 375 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | जेम्स मैक्लेहोस |
dc.subject | दर्शनशास्त्र, जर्मन दर्शन, विचार के सिद्धांत, हरमन लोत्ज़े, दार्शनिक |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1895 |
dc.identifier.accessionnumber | Y-001884 |
dc.format.medium | text |