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फ़ाइनैंशियल सिस्टम ऑफ़ इंडिया

Author: ज्ञान चंद

Keywords: वित्तीय प्रणाली, भारतीय वित्त, ज्ञान चंद, भारत में ब्रिटिश, राजकोषीय प्रणाली

Publisher: ट्रबनर, लंदन

Description: इस पुस्तक का उद्देश्य 'भारतीय वित्तीय प्रणाली’ के कार्यों का वर्णन और जाँच करना है। लेखक बीसवीं शताब्दी में सरकार की वित्तीय नीतियों पर टिप्पणी करते हैं। इस पुस्तक में केंद्रीय और प्रांतीय वित्त, ‘राजकोषीय प्रणाली' की कार्यविधि, स्थानीय वित्त, आदि, के विवरण हैं। इसमें चौदह अध्याय और दस परिशिष्ट हैं। परिशिष्टों में महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों से उद्धरण, शासन के नियमों, राजस्व के आवंटन और अन्यों विषयों का विस्तारपूर्वक वर्णन शामिल है। यह भारत में ब्रिटिश सरकार के आर्थिक निर्णयों को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author ज्ञान चंद
dc.coverage.spatial India
dc.date.accessioned 2018-07-23T10:16:28Z
dc.date.available 2018-07-23T10:16:28Z
dc.description इस पुस्तक का उद्देश्य 'भारतीय वित्तीय प्रणाली’ के कार्यों का वर्णन और जाँच करना है। लेखक बीसवीं शताब्दी में सरकार की वित्तीय नीतियों पर टिप्पणी करते हैं। इस पुस्तक में केंद्रीय और प्रांतीय वित्त, ‘राजकोषीय प्रणाली' की कार्यविधि, स्थानीय वित्त, आदि, के विवरण हैं। इसमें चौदह अध्याय और दस परिशिष्ट हैं। परिशिष्टों में महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों से उद्धरण, शासन के नियमों, राजस्व के आवंटन और अन्यों विषयों का विस्तारपूर्वक वर्णन शामिल है। यह भारत में ब्रिटिश सरकार के आर्थिक निर्णयों को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent xix, 444p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher ट्रबनर, लंदन
dc.subject वित्तीय प्रणाली, भारतीय वित्त, ज्ञान चंद, भारत में ब्रिटिश, राजकोषीय प्रणाली
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1926
dc.identifier.accessionnumber AS-000818
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author ज्ञान चंद
dc.coverage.spatial India
dc.date.accessioned 2018-07-23T10:16:28Z
dc.date.available 2018-07-23T10:16:28Z
dc.description इस पुस्तक का उद्देश्य 'भारतीय वित्तीय प्रणाली’ के कार्यों का वर्णन और जाँच करना है। लेखक बीसवीं शताब्दी में सरकार की वित्तीय नीतियों पर टिप्पणी करते हैं। इस पुस्तक में केंद्रीय और प्रांतीय वित्त, ‘राजकोषीय प्रणाली' की कार्यविधि, स्थानीय वित्त, आदि, के विवरण हैं। इसमें चौदह अध्याय और दस परिशिष्ट हैं। परिशिष्टों में महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों से उद्धरण, शासन के नियमों, राजस्व के आवंटन और अन्यों विषयों का विस्तारपूर्वक वर्णन शामिल है। यह भारत में ब्रिटिश सरकार के आर्थिक निर्णयों को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent xix, 444p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher ट्रबनर, लंदन
dc.subject वित्तीय प्रणाली, भारतीय वित्त, ज्ञान चंद, भारत में ब्रिटिश, राजकोषीय प्रणाली
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1926
dc.identifier.accessionnumber AS-000818
dc.format.medium text