फ़ोक एंड हीरो टेल्स वैफ़्स एंड स्ट्रेज़ ऑफ़ केल्टिक ट्रेडिशन
Author: मैकडूगल, जे.
Editor: Macdougall, J.
Keywords: लोककथाएँ, नायक कथाएँ, केल्टिक लोककथाएँ, लोककथाओं का अध्ययन, लोक-मनोविज्ञान
Publisher: डेविड नट, लंदन
Description: इस रोचक पुस्तक में 1889 से 1890 के बीच डूरोर जिले से एकत्र की गई कई 'लोक और नायक कथाएँ' हैं। ये कहानियाँ मौखिक स्रोतों से प्राप्त की गई थी और लेखक द्वारा इनका बाद में लेखन किया गया था। इसके परिचय भाग में 'लोककथाओं' और 'केल्टिक लोक-मनोविज्ञान' के अध्ययन की आवश्यकता और विज्ञान पर भी चर्चा शामिल है। यह इस बारे में बात करती है कि लोककथाओं का अध्ययन किस प्रकार से क्षेत्र के लोगों को बेहतर तरीके से समझने में उपयोगी साबित होता है। इस पुस्तक में कुल दस कहानियाँ हैं, जिनमें से प्रत्येक के अंत में अलग से टिप्पणियाँ दी गई हैं।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | मैकडूगल, जे. |
dc.contributor.editor | Macdougall, J. |
dc.coverage.spatial | India |
dc.date.accessioned | 2018-07-20T11:33:05Z |
dc.date.available | 2018-07-20T11:33:05Z |
dc.description | इस रोचक पुस्तक में 1889 से 1890 के बीच डूरोर जिले से एकत्र की गई कई 'लोक और नायक कथाएँ' हैं। ये कहानियाँ मौखिक स्रोतों से प्राप्त की गई थी और लेखक द्वारा इनका बाद में लेखन किया गया था। इसके परिचय भाग में 'लोककथाओं' और 'केल्टिक लोक-मनोविज्ञान' के अध्ययन की आवश्यकता और विज्ञान पर भी चर्चा शामिल है। यह इस बारे में बात करती है कि लोककथाओं का अध्ययन किस प्रकार से क्षेत्र के लोगों को बेहतर तरीके से समझने में उपयोगी साबित होता है। इस पुस्तक में कुल दस कहानियाँ हैं, जिनमें से प्रत्येक के अंत में अलग से टिप्पणियाँ दी गई हैं। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xxix, 311p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | डेविड नट, लंदन |
dc.subject | लोककथाएँ, नायक कथाएँ, केल्टिक लोककथाएँ, लोककथाओं का अध्ययन, लोक-मनोविज्ञान |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1891 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-001451 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | मैकडूगल, जे. |
dc.contributor.editor | Macdougall, J. |
dc.coverage.spatial | India |
dc.date.accessioned | 2018-07-20T11:33:05Z |
dc.date.available | 2018-07-20T11:33:05Z |
dc.description | इस रोचक पुस्तक में 1889 से 1890 के बीच डूरोर जिले से एकत्र की गई कई 'लोक और नायक कथाएँ' हैं। ये कहानियाँ मौखिक स्रोतों से प्राप्त की गई थी और लेखक द्वारा इनका बाद में लेखन किया गया था। इसके परिचय भाग में 'लोककथाओं' और 'केल्टिक लोक-मनोविज्ञान' के अध्ययन की आवश्यकता और विज्ञान पर भी चर्चा शामिल है। यह इस बारे में बात करती है कि लोककथाओं का अध्ययन किस प्रकार से क्षेत्र के लोगों को बेहतर तरीके से समझने में उपयोगी साबित होता है। इस पुस्तक में कुल दस कहानियाँ हैं, जिनमें से प्रत्येक के अंत में अलग से टिप्पणियाँ दी गई हैं। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xxix, 311p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | डेविड नट, लंदन |
dc.subject | लोककथाएँ, नायक कथाएँ, केल्टिक लोककथाएँ, लोककथाओं का अध्ययन, लोक-मनोविज्ञान |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1891 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-001451 |
dc.format.medium | text |