फ़ोर्टी-वन इयर्स इन इंडिया फ़्रॉम सबल्टर्न टू कमांडर-इन-चीफ़
Author: रॉबर्ट्स, लॉर्ड
Keywords: कंधार, अफ़ग़ानिस्तान, लॉर्ड रॉबर्ट्स, उत्तर-पश्चिम सीमांत, भारत
Publisher: रिचर्ड बेंटली, लंदन
Description: कंधार के फ़ील्ड मार्शल लॉर्ड रॉबर्ट्स द्वारा लिखित ‘फ़ोर्टी-वन इयर्स इन इंडिया फ़्रॉम सबल्टर्न टू कमांडर-इन-चीफ़’ दो-खंड की श्रृंखला है। यह कार्य पहला खंड है, तथा ब्रिटिश भारत का अफ़ग़ानिस्तान और सीमांत जनजातियों के साथ संबंधों के बारे में बताता है। यह भारत की स्थिति में परिवर्तन का विवरण देता है जो यूरोपीय सत्ता का उत्तर-पश्चिम सीमांत से निकटता का एक अनिवार्य परिणाम रहा है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | रॉबर्ट्स, लॉर्ड |
dc.date.accessioned | 2017-05-22T07:23:46Z 2018-06-07T03:40:56Z |
dc.date.available | 2017-05-22T07:23:46Z 2018-06-07T03:40:56Z |
dc.description | कंधार के फ़ील्ड मार्शल लॉर्ड रॉबर्ट्स द्वारा लिखित ‘फ़ोर्टी-वन इयर्स इन इंडिया फ़्रॉम सबल्टर्न टू कमांडर-इन-चीफ़’ दो-खंड की श्रृंखला है। यह कार्य पहला खंड है, तथा ब्रिटिश भारत का अफ़ग़ानिस्तान और सीमांत जनजातियों के साथ संबंधों के बारे में बताता है। यह भारत की स्थिति में परिवर्तन का विवरण देता है जो यूरोपीय सत्ता का उत्तर-पश्चिम सीमांत से निकटता का एक अनिवार्य परिणाम रहा है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xxii, 597p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | रिचर्ड बेंटली, लंदन |
dc.subject | कंधार, अफ़ग़ानिस्तान, लॉर्ड रॉबर्ट्स, उत्तर-पश्चिम सीमांत, भारत |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1898 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-003337 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | रॉबर्ट्स, लॉर्ड |
dc.date.accessioned | 2017-05-22T07:23:46Z 2018-06-07T03:40:56Z |
dc.date.available | 2017-05-22T07:23:46Z 2018-06-07T03:40:56Z |
dc.description | कंधार के फ़ील्ड मार्शल लॉर्ड रॉबर्ट्स द्वारा लिखित ‘फ़ोर्टी-वन इयर्स इन इंडिया फ़्रॉम सबल्टर्न टू कमांडर-इन-चीफ़’ दो-खंड की श्रृंखला है। यह कार्य पहला खंड है, तथा ब्रिटिश भारत का अफ़ग़ानिस्तान और सीमांत जनजातियों के साथ संबंधों के बारे में बताता है। यह भारत की स्थिति में परिवर्तन का विवरण देता है जो यूरोपीय सत्ता का उत्तर-पश्चिम सीमांत से निकटता का एक अनिवार्य परिणाम रहा है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xxii, 597p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | रिचर्ड बेंटली, लंदन |
dc.subject | कंधार, अफ़ग़ानिस्तान, लॉर्ड रॉबर्ट्स, उत्तर-पश्चिम सीमांत, भारत |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1898 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-003337 |
dc.format.medium | text |