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अ स्कैच ऑफ़ द नॉर्दर्न बलोची लैंग्वेज कंटेनिंग अ ग्रामर, वोकैबलरी एंड स्पेसिमेंस ऑफ़ द लैंग्वेज

Author: डेम्स, एम. लॉंगवर्थ

Keywords: बलूची, बलोची, भाषा, व्याकरण, शब्दावली, उत्तरी बलोची

Publisher: जे. थॉमस, कलकत्ता

Description: पुस्तक बलोची भाषा की उत्तरी बोली का एक संक्षिप्त वर्णन प्रदान करती है। लेखक ने महसूस किया कि बलोची पर प्रारंभिक कार्य मुख्य रूप से उसकी दक्षिणी बोली को दर्शाते थे और इसीलिए उत्तरी बोली की रूप-रेखा नामौजूद थी। पुस्तक बलोची के व्याकरण के प्रारूप के साथ आरम्भ होती है जिसमें अक्षर, व्यंजन, स्वर, संज्ञा, विशेषण, अंक, सर्वनाम, क्रिया, क्रिया-विशेषण, पूर्वसर्ग, उपसर्ग, संयोजन और विस्मयादि बोधक अव्यय शामिल हैं। इसके पश्चात बलोची की विस्तृत शब्दावली प्रदान की गयी है। पुस्तक बलोची भाषा के कुछ चुने हुए प्रतिरूपों के साथ समाप्त होती है।

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author डेम्स, एम. लॉंगवर्थ
dc.date.accessioned 2019-02-26T11:42:12Z
dc.date.available 2019-02-26T11:42:12Z
dc.description पुस्तक बलोची भाषा की उत्तरी बोली का एक संक्षिप्त वर्णन प्रदान करती है। लेखक ने महसूस किया कि बलोची पर प्रारंभिक कार्य मुख्य रूप से उसकी दक्षिणी बोली को दर्शाते थे और इसीलिए उत्तरी बोली की रूप-रेखा नामौजूद थी। पुस्तक बलोची के व्याकरण के प्रारूप के साथ आरम्भ होती है जिसमें अक्षर, व्यंजन, स्वर, संज्ञा, विशेषण, अंक, सर्वनाम, क्रिया, क्रिया-विशेषण, पूर्वसर्ग, उपसर्ग, संयोजन और विस्मयादि बोधक अव्यय शामिल हैं। इसके पश्चात बलोची की विस्तृत शब्दावली प्रदान की गयी है। पुस्तक बलोची भाषा के कुछ चुने हुए प्रतिरूपों के साथ समाप्त होती है।
dc.format.extent 171 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher जे. थॉमस, कलकत्ता
dc.subject बलूची, बलोची, भाषा, व्याकरण, शब्दावली, उत्तरी बलोची
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1881
dc.identifier.accessionnumber AS-001638
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author डेम्स, एम. लॉंगवर्थ
dc.date.accessioned 2019-02-26T11:42:12Z
dc.date.available 2019-02-26T11:42:12Z
dc.description पुस्तक बलोची भाषा की उत्तरी बोली का एक संक्षिप्त वर्णन प्रदान करती है। लेखक ने महसूस किया कि बलोची पर प्रारंभिक कार्य मुख्य रूप से उसकी दक्षिणी बोली को दर्शाते थे और इसीलिए उत्तरी बोली की रूप-रेखा नामौजूद थी। पुस्तक बलोची के व्याकरण के प्रारूप के साथ आरम्भ होती है जिसमें अक्षर, व्यंजन, स्वर, संज्ञा, विशेषण, अंक, सर्वनाम, क्रिया, क्रिया-विशेषण, पूर्वसर्ग, उपसर्ग, संयोजन और विस्मयादि बोधक अव्यय शामिल हैं। इसके पश्चात बलोची की विस्तृत शब्दावली प्रदान की गयी है। पुस्तक बलोची भाषा के कुछ चुने हुए प्रतिरूपों के साथ समाप्त होती है।
dc.format.extent 171 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher जे. थॉमस, कलकत्ता
dc.subject बलूची, बलोची, भाषा, व्याकरण, शब्दावली, उत्तरी बलोची
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1881
dc.identifier.accessionnumber AS-001638
dc.format.medium text