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अ वैदिक ग्रामर फ़ॉर द स्टूडेंट्स

Author: मैकडॉनेल, आर्थर एंथनी

Keywords: वैदिक भाषा शास्त्र, वैदिक भाषा, संस्कृत व्याकरण, लिप्यंतरण, हिंदू साहित्य

Publisher: क्लैरेंडन प्रेस, ऑक्सफ़ोर्ड

Description: पुस्तक वेदों और वैदिक साहित्य स्त्रोतों के अध्ययन के लिए एक सहायक के रूप में वैदिक व्याकरण पर एक दृष्टिकोण प्रदान करती है। लेखक पाठक की आसान समझ के लिए स्त्रोतों को संस्कृत व्याकरण से अनुच्छेद दर अनुच्छेद मिलाता है। पुस्तक में वैदिक व्याकरण पर सात अध्याय शामिल हैं जिनमें ध्वन्यात्मक परिचय, श्रुतिमधुर संयोजन, शब्दरूप, क्रियारूप संयोजन, अव्यय शब्द और संज्ञात्मक मूल शब्द निर्माण और यौगिक शब्द शामिल हैं। दस्तावेज़ में वाक्य-विन्यास, क्रिया, मीटर और उच्चारण पर परिशष्ट भी शामिल हैं।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author मैकडॉनेल, आर्थर एंथनी
dc.date.accessioned 2019-03-06T16:38:07Z
dc.date.available 2019-03-06T16:38:07Z
dc.description पुस्तक वेदों और वैदिक साहित्य स्त्रोतों के अध्ययन के लिए एक सहायक के रूप में वैदिक व्याकरण पर एक दृष्टिकोण प्रदान करती है। लेखक पाठक की आसान समझ के लिए स्त्रोतों को संस्कृत व्याकरण से अनुच्छेद दर अनुच्छेद मिलाता है। पुस्तक में वैदिक व्याकरण पर सात अध्याय शामिल हैं जिनमें ध्वन्यात्मक परिचय, श्रुतिमधुर संयोजन, शब्दरूप, क्रियारूप संयोजन, अव्यय शब्द और संज्ञात्मक मूल शब्द निर्माण और यौगिक शब्द शामिल हैं। दस्तावेज़ में वाक्य-विन्यास, क्रिया, मीटर और उच्चारण पर परिशष्ट भी शामिल हैं।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent x, 508 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso English
dc.publisher क्लैरेंडन प्रेस, ऑक्सफ़ोर्ड
dc.subject वैदिक भाषा शास्त्र, वैदिक भाषा, संस्कृत व्याकरण, लिप्यंतरण, हिंदू साहित्य
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1916
dc.identifier.accessionnumber AS-001575
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author मैकडॉनेल, आर्थर एंथनी
dc.date.accessioned 2019-03-06T16:38:07Z
dc.date.available 2019-03-06T16:38:07Z
dc.description पुस्तक वेदों और वैदिक साहित्य स्त्रोतों के अध्ययन के लिए एक सहायक के रूप में वैदिक व्याकरण पर एक दृष्टिकोण प्रदान करती है। लेखक पाठक की आसान समझ के लिए स्त्रोतों को संस्कृत व्याकरण से अनुच्छेद दर अनुच्छेद मिलाता है। पुस्तक में वैदिक व्याकरण पर सात अध्याय शामिल हैं जिनमें ध्वन्यात्मक परिचय, श्रुतिमधुर संयोजन, शब्दरूप, क्रियारूप संयोजन, अव्यय शब्द और संज्ञात्मक मूल शब्द निर्माण और यौगिक शब्द शामिल हैं। दस्तावेज़ में वाक्य-विन्यास, क्रिया, मीटर और उच्चारण पर परिशष्ट भी शामिल हैं।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent x, 508 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso English
dc.publisher क्लैरेंडन प्रेस, ऑक्सफ़ोर्ड
dc.subject वैदिक भाषा शास्त्र, वैदिक भाषा, संस्कृत व्याकरण, लिप्यंतरण, हिंदू साहित्य
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1916
dc.identifier.accessionnumber AS-001575
dc.format.medium text